उत्तराखंड में त्रिस्तरीय पंचायती कार्यकाल बढ़ाने से एक प्रदेश एक चुनाव की मंशा भी पूरी होगी: ब्लॉक प्रमुख संगठन प्रदेश उपाध्यक्ष विनीता फर्त्याल
पंचायत प्रतिनिधियों की दलील-कोरोना की वजह से पांच साल का कार्यकाल तीन साल में खत्म हो रहा है
कार्यकाल बढ़ाने को लेकर पंचायत प्रतिनिधि तालाबंदी से संवाद यात्रा तक निकाल चुके
देवभूमि टुडे
चंपावत। त्रिस्तरीय पंचायत प्रतिनिधियों का कार्यकाल समाप्त होने में अब बमुश्किल दो सप्ताह से भी कम समय है। इस बीच लोकतंत्र की धुरी यानी पंचायतों के प्रतिनिधियों ने कार्यकाल को दो साल बढ़ाने की मांग पर फिर जोर दिया है। ब्लॉक प्रमुख संगठन की उत्तराखंड की उपाध्यक्ष और बाराकोट की ब्लॉक प्रमुख विनीता फर्त्याल ने इसे लेकर फिर से मुखरता से आवाज उठाई है। उनका कहना है कि पंचायत प्रतिनिधियों का कार्यकाल बढ़ाना न केवल ग्रामीण विकास की दृष्टि से सही कदम होगा, बल्कि इससे पूरे प्रदेश में एक साथ चुनाव कराने की राह भी आसान होगी।
प्रदेश उपाध्यक्ष फर्त्याल का कहना है कि झारखंड की सरकार ने पंचायतों के कार्यकाल को बढ़ाया है और वहीं राजस्थान की सरकार भी कार्यकाल को बढ़ाने पर विचार कर रही है। उत्तराखंड में त्रिस्तरीय पंचायत प्रतिनिधियों के कार्यकाल को बढ़ाने के तर्कपूर्ण कारण भी है। नवंबर 2019 में कार्यकाल शुरू होने के महज 4 माह बाद वैश्विक महामारी कोरोना का कहर टूटा। जिस कारण लॉकडाउन और दूसरे कारणों से उस दौरान ग्रामीण क्षेत्रों के विकास के काम, बल्कि बैठकें तक नहीं हो सकी थी। पंचायत प्रतिनिधि तकरीबन दो साल तक ठीक से काम नहीं कर सके। फर्त्याल ने कहा कि नगर निकायों का कार्यकाल दिसंबर 2023 में खत्म हो गया, लेकिन चुनाव तो नहीं हुए, ये जिम्मेदारी अधिकारियों को दे दी गई। कार्यकाल न बढ़ा, प्रतिनिधियों की जिम्मेदारी अधिकारियों को देना भी लोकतांत्रिक भावना के अनुरूप नहीं है। अगर त्रिस्तरीय पंचायती चुनाव का कार्यकाल बढ़ाया जाता है, तो इससे हरिद्वार के चुनाव भी प्रदेश के 12 अन्य जिलों के साथ कराए जा सकेंगे। केंद्र सरकार एक देश-एक चुनाव की हिमायती है, इसकी शुरुआत उत्तराखंड के पंचायती चुनावों से की जानी चाहिए।
गौरतलब है कि 14 नवंबर को जौलजीबी मेले के शुभारंभ मौके पर पिथौरागढ़ के जिला पंचायत सदस्य जगत मर्तोलिया ने भी मुख्यमंत्री को ज्ञापन देकर कार्यकाल बढ़ाने का आग्रह किया था। कार्यकाल बढ़ाने को लेकर पंचायत प्रतिनिधि संवाद यात्रा से लेकर तालाबंदी तक के कार्यक्रम कर चुके हैं।