'वंदे मातरम' गीत के 150 वर्ष पूर्ण होने पर SSB वाहिनी मुख्यालय और सभी BOP में कमांडेंट सुरेंद्र विक्रम के नेतृत्व में मनाया गया वंदे मातरम दिवस
एकता, अखंडता को अक्षुण्य बनाए रखने के संकल्प के साथ एक स्वर में वन्दे मातरम का सामूहिक गायन भी हुआ
देवभूमि टुडे
चंपावत। SSB (सशस्त्र सीमा बल) की पंचम वाहिनी में राष्ट्रीय गीत 'वंदे मातरम' के 150 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य पर वंदे मातरम दिवस हर्षोल्लास से साथ वाहिनी मुख्यालय और सभी सीमा चौकियों में मनाया गया।
चंपावत स्थित पंचम वाहिनी के कमांडेंट सुरेंद्र विक्रम ने बताया कि राष्ट्रीय गीत 'वंदे मातरम' के कवि बंकिम चंद्र चटर्जी ने 7 नवंबर 1875 को लिखा था, जो पहली बार उनकी प्रसिद्ध रचना आनंदमठ में प्रकाशित हुआ था। यह सिर्फ एक गीत नहीं, बल्कि भारत की स्वतंत्रता संग्राम की आत्मा थी। जिसने भारतीयों को अंग्रेजी शासन के खिलाफ एकता और राष्ट्रवाद की भावना से प्रेरित किया।

आज भी ये गीत राष्ट्रीय गौरव, एकता और स्वाभिमान का प्रतीक हैं। राष्ट्रीय गीत केवल शब्द नहीं, बल्कि उस समय के क्रांतिकारियों की पुकार थी, जो भारत को गुलामी की जंजीरों से मुक्त देखना चाहते थे। आज जब हम इसकी 150वीं वर्षगांठ मना रहे हैं, तो यह केवल अतीत की स्मृति नहीं, बल्कि वर्तमान की प्रेरणा और भविष्य की दिशा है। यह गीत हमें याद दिलाता है कि भारत माता केवल एक भूखंड नहीं, बल्कि हमारी संस्कृति, संवेदनशीलता और संस्कारों की प्रतीक है।
वाहिनी के अधिकारी-कार्मिकों और केंद्रीय विद्यालय SSB के छात्र-छात्राओं ने राष्ट्र प्रथम की भावना से भारत को गौरवशाली बनाने एवं एकता, अखंडता को अक्षुण्य बनाए रखने के संकल्प के साथ एक स्वर में वन्दे मातरम का सामूहिक गायन किया।
कार्यक्रम में कमांडेंट सुरेंद्र विक्रम, द्वितीय कमान अधिकारी अमित कुमार, उप कमांडेंट चिकित्सा अधिकारी डॉ. वेदांतम मधुमिता, कमांडेंट/संचार नवीन कुमार, केंद्रीय विद्यालय के प्रधानाचार्य प्रमोद गुप्ता, अधीनस्थ अधिकारीगण, अन्य बलकार्मिक एवं केंद्रीय विद्यालय के छात्र-छात्राएं मौजूद थे।
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