समुदाय विशेष के एक नाबालिग लड़के पर एक स्थानीय नाबालिग लड़की से छेड़छाड़ के आरोप के बाद व्यापारियों व हिंदू संगठनों ने विशेष सत्यापन सहित कई मांगें की
देवभूमि टुडे
चंपावत। समुदाय विशेष के एक नाबालिग लड़के पर एक स्थानीय नाबालिग लड़की से छेड़छाड़ के आरोप के बाद कल 2 नवंबर को कई हिंदू संगठन और व्यापारियों ने कोतवाली को घेरा, तो एक दिन बाद 3 नवंबर को मुस्लिम समाज की दुकानें बंद रहीं। मुस्लिम व्यापारियों का कहना है कि व्यापार मंडल के मौखिक निर्देश के बाद बंद की गई हैं।
वहीं आज सोमवार को व्यापार मंडल ने डीएम को ज्ञापन सौंप 100 प्रतिशत विशेष पारदर्शी सत्यापन, अपराधिक रिकॉर्ड वालों (नाई, कसाई, टेलर, कबाड़ी व अन्य बाहरी व्यक्ति) को जिला बदर करने, समुदाय विशेष की दुकानें सत्यापन होने तक बंद रखने, मंगलवार को मांस की बिक्री में पूर्ण प्रतिबंध और दो दिन पूर्व शांत बाजार की दुकान में हुई चोरी का खुलासा करने व लिप्त पाए गए लोगों को जिला बदर करने की मांग की। डीएम मनीष कुमार ने उचित कार्रवाई का भरोसा दिलाया। ज्ञापन देने वालों में भाजपा जिलाध्यक्ष गोविंद सामंत, पूर्व जिलाध्यक्ष हिमेश कलखुड़िया, व्यापार संघ अध्यक्ष विकास साह, महामंत्री हरीश सक्टा, सभासद नंदन तड़ागी आदि शामिल थे।
वहीं आज मुस्लिम व्यापारियों ने दुकान नहीं खोली। मोहम्मद आरिफ, मोहम्मद अयूब, मोहम्मद असलम, मोहम्मद अकरम, मोहम्मद नजीम, नूरे शबाब, अफजाल अहमद, रियाजुद्दीन आदि का कहना है कि व्यापार मंडल के एक पदाधिकारी ने दो दिन तक दुकान बंद रखने के लिए कहा। जिस वजह से उन्होंने दुकानें बंद की हैं। दुकानदारों का कहना है कि एक व्यक्ति की गलती की मार पूरे समुदाय पर नहीं पड़नी चाहिए। उनमें से अधिकांश दुकानदारों का सत्यापन हो चुका है। इन दुकानदारों का कहना है कि शादी का सीजन चल रहा है, लेकिन दुकान बंद होने से रोजी-रोटी पर असर पड़ने के साथ ऑर्डर समय पर देने में
अड़चन आ सकती है। बाद में इन दुकानदारों का प्रतिनिधिमंडल कोतवाली पुलिस से भी मिला।
क्या कहते हैं पुलिस क्षेत्राधिकारी शिवराज सिंह राणा:
'चंपावत नगर क्षेत्र में 369 किरायेदार, 1105 मजदूर, 155 फड़ व ठेली लगाने वाले, 144 नेपाली और 44 जम्मू-कश्मीर के लोगों के अलावा 4 कबाड़ी व उनकी दुकानों में काम करने वालों का सत्यापन पहले ही किया जा चुका है। इसके बावजूद आज सोमवार से पुलिस ने सघन सत्यापन अभियान चलाया गया। हर मंगलवार को नाई व मीट दुकानों को अनिवार्य रूप से बंद रखने एवं बंद नहीं रहने पर नगर पालिका विधिक कार्रवाई करेगी। वहीं मुस्लिम समाज ने स्वेच्छिक रूप से दुकानें बंद रखी हैं। जो दुकानदार दुकान खोलेंगे, पुलिस उन्हें पूरी सुरक्षा देगी।'
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