डीएम मनीष कुमार ने मां पूर्णागिरि धाम में निमार्णाधीन रोपवे परियोजना का स्थलीय निरीक्षण किया, रोपवे निर्माण के काम में तेजी लाने के दिए निर्देश
रोपवे से श्रद्धालुओं की कम हो जाएगा करीब 6 किलोमीटर की दूरी
देवभूमि टुडे
चंपावत/पूर्णांगिरि धाम। डीएम मनीष कुमार ने मां पूर्णागिरि धाम में निर्माणाधीन रोपवे (रज्जुमार्ग) परियोजना का स्थलीय निरीक्षण कर काम की प्रगति की समीक्षा की। परियोजना का काम करा रही केआर आनंद कंस्ट्रक्शन लिमिटेड दिल्ली द्वारा निर्मित इस महत्वाकांक्षी परियोजना के परियोजना प्रबंधक महेंद्र राठौर ने रोपवे के तकनीकी पहलुओं एवं प्रगति की जानकारी दी। बताया कि 4 दिनों में रोपवे का काम शुरू कर दिया जाएगा। इस रोपवे के संचालन होने से पूर्णागिरि मार्ग पर हनुमानचट्टी से काली मंदिर तक का फासला श्रद्धालुओं के लिए करीब 6 किलोमीटर कम हो जाएगा।
डीएम ने संबंधित अधिकारियों एवं कार्यदायी संस्था को सामग्री का शीघ्र स्थानांतरण कर निर्माण कार्य तेजी से शुरू करने के निर्देश दिए। साथ ही होली के बाद मार्च से शुरू पूर्णागिरि मेले के दृष्टिगत अधिकारियों को सभी व्यवस्थाएं समय से पूर्ण करने के निर्देश दिए। इसके अलावा लोनिवि के अधिशासी अभियंता एमसी पलड़िया को बाटनगाड़ क्षेत्र में सड़क सुधारीकरण के लिए विभिन्न विकल्पों पर कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश भी दिए।


रज्जुमार्ग से होंगे कई लाभ
इस वक्त श्रद्धालुओं को भैरव मंदिर तक जीप और उसके बाद मां पूर्णागिरि मुख्य मंदिर तक साढ़े तीन किमी पैदल जाना होता है। लेकिन रज्जुमार्ग से मां पूर्णागिरि दर्शनों के लिए पैदल फासला तय नहीं करना होगा। रज्जुमार्ग से ये दूरी सवा घंटे के बजाय 8 मिनट में तय हो जाएगी। समय की बचत के
अलावा पहाड़ में चलने में असमर्थ लोग, बड़े-बुजुर्ग, छोटे बच्चे, बीमार और दिव्यांग भी मां के दर्शन आसानी से कर सकेंगे।
रज्जुमार्ग परियोजना से संबंधित प्रमुख बिंदु:
1.हनुमान चट्टी से काली मंदिर तक 950 मीटर लंबे रज्जुमार्ग का 10840 वर्ग मीटर का कोरिडोर क्षेत्र है।
2.हनुमानचट्टी स्थित लॉअर टर्मिनल में रज्जुमार्ग स्टेशन भवन, यात्री होल्डिंग एरिया, टिकट काउंटर, प्रशासनिक कार्यालय और सेवा एरिया, सार्वजनिक सहूलियत होंगी। काली मंदिर के पास अपर टर्मिनल बनेगा। 950 मीटर के इस रोपवे के बीच किसी भी प्रकार का पोल नहीं लगाया जाएगा।
3.सुरक्षा के लिए आधुनिक तकनीक का उपयोग होगा।
4.रोपवे में दो ट्रॉली होंगी, हर ट्रॉली में एक समय में 65 श्रद्धालु सवार हो सकेंगे।
5.रोपवे एक टर्मिनल से दूसरे टर्मिनल तक लगभग 250 मीटर की ऊंचाई पर महज 7 मिनट में तय करेगा, जिससे प्रति घंटे 800 से अधिक श्रद्धालुओं की आवाजाही सुनिश्चित होगी।
रोपवे को लेकर अब तक का घटनाक्रम:
1.वर्ष 2015 में हनुमान चट्टी से काली मंदिर तक पीपीपी मोड में 35 करोड़ रुपये से रोपवे के लिए सरकार ने एक प्राइवेट कंपनी के साथ MOU (सहमति पत्र) हुआ।
2.जून 2015 में तत्कालीन मुख्यमंत्री हरीश रावत ने शिलान्यास किया था।
3.जुलाई 2017 में तत्कालीन मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने भी रोपवे को जल्द पूरा करने का ऐलान किया।
4.IIT रूड़की की टीम ने दिसंबर 2022 में मृदा नमूने लिए गए।
5.फरवरी 2024 से रोपवे का काम शुरू हुआ।
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