चंपावत जिले में च्यूरानी, मंगोली सहित कई जगह गुलदार की दस्तक
च्यूरानी क्षेत्र में 3 दिन बाद खुले स्कूल व आंगनबाड़ी केंद्र लेकिन खासी कम रही उपस्थिति
नैनीताल चिड़ियाघर के पशु चिकित्सक डॉ. हिमांशु पांगती के नेतृत्व में ट्रैंकुलाइज करने वाली टीम मौके पर
9 दिसंबर को च्यूरानी के धरगड़ा गांव में जल संस्थान के PTC देव सिंह अधिकारी को मार चुका है गुलदार
देवभूमि टुडे
चंपावत/बाराकोट/लोहाघाट। चंपावत जिले में च्यूरानी, मंगोली, नसखोला, ओखलंज, मानाढुंगा, कठनौरी, नरसिंहडांडा, डोबाभागू सहित कई जगह गुलदार की दस्तक से खौफ है। गुलदार को पकड़ने के लिए वन विभाग जी तोड़ मेहनत कर रहा है, लेकिन उसकी तमाम कोशिशें फिलहाल बेनतीजा रहीं। इस बीच आज 12 दिसंबर नैनीताल चिड़ियाघर के पशु चिकित्सक डॉ. हिमांशु पांगती च्यूरानी पहुंचे। तेंदुए को ट्रैंकुलाइज करने के लिए डॉ. पांगती के नेतृत्व में टीम मौके पर मुस्तैद है। 9 दिसंबर को च्यूरानी के धरगड़ा गांव में तें हुए ने जल संस्थान के PTC देव सिंह अधिकारी की जान ले ली थी।

उप प्रभागीय वनाधिकारी सुनील कुमार ने बताया कि च्यूरानी, मंगोली सहित खतरे वाले कई स्थानों में गश्त के अलावा पिंजरे, कैमरे, ड्रॉन आदि के जरिए गुलदार को ट्रैक करने का प्रयास किया जा रहा है। फिलहाल कहीं से भी तेंदुआ हत्थे नहीं आया।
वहीं च्यूरानी में 8 दिसंबर के बाद आज 12 दिसंबर को चौथे दिन स्कूल-आंगनबाड़ी केंद्र खुले, लेकिन अधिकांश केंद्रों में खासे कम छात्र-छात्राएं मौजूद थें। मुख्य शिक्षाधिकारी मेहरबान सिंह बिष्ट का कहना है कि स्कूली बच्चों की सुरक्षा का हर संभव ध्यान रखा जा रहा है। आज शुक्रवार को राजकीय प्राथमिक विद्यालय च्यूरानी, उच्च प्राथमिक विद्यालय च्यूरानी, प्राथमिक विद्यालय पुनई, मिरतोली, उच्च प्राथमिक विद्यालय मिरतोली और राजकीय प्राथमिक विद्यालय पटयूड़ा में सामान्य दिनों की अपेक्षा काफी कम बच्चे पहुंचे।
भाजपा मंडल अध्यक्ष राकेश सिंह बोहरा के मुताबिक कल गुरुवार शाम करीब 4 बजे बाराकोट से स्कूली बच्चों को लेकर आ रहा वाहन ओखलंज गांव के पास पहुंचा, तो सड़क पर गुलदार खड़ा दिखाई दिया। चालक व बच्चों के शोर मचाने पर गुलदार जंगल की ओर भाग गया। गुमदेश क्षेत्र के मानाढुंगा गांव के दीपक जोशी के मुताबिक गांव में 2 शावकों सहित मादा गुलदार के लगातार घूमने से लोग खौफ में हैं। डोबाभागू, कठनौली, नरसिंह डांडा में भी गुलदार दिखने की खबर है। ग्रामीणों का कहना है कि ऐसे हालात में बच्चों को स्कूल आने-जाने में खतरा बना हुआ है। ग्रामीणों ने वन विभाग से तत्काल पिंजरा लगवाकर गुलदार को पकड़ने और खौफ से निजात दिलाने की गुहार लगाई है।
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