मुख्य सचिव आनंद वर्धन ने बेबाकी से दिए सवालों के जवाब
टनकपुर-बागेश्वर रेल लाइन, पंचेश्वर बांध, रिवर्स पलायन, 2027 में विधानसभा चुनाव-अर्ध कुंभ, मानव-वन्य जीव संघर्ष की रोकथाम, नजूल जमीन के फ्रीहोल्ड का मामला, चंपावत के शारदा कॉरिडारे और अर्ध कुंभ के बीच व्यवस्थाओं सहित कई सवालों के सीधे जवाब दिए
देवभूमि टुडे
चंपावत। उत्तराखंड के प्रशासनिक मुखिया मुख्य सचिव आनंद वर्धन आज 2 दिसंबर को कलक्ट्रेट में पत्रकारों से रूबरू हुए। उन्होंने बेबाकी से पत्रकारों के सवालों के जवाब दिए। टनकपुर-बागेश्वर रेल लाइन, पंचेश्वर बांध, रिवर्स पलायन, 2027 में विधानसभा चुनाव के बीच और अर्ध कुंभ की व्यवस्थाओं मानव-वन्य जीव संघर्ष की रोकथाम, नजूल जमीन के फ्रीहोल्ड का मामला, चंपावत के शारदा कॉरिडोर सहित कई सवालों के सीधे जवाब दिए। क्या उत्तर दिए आप सवाल और जवाब की शैली में जानिए। वार्ता के दौरान आयुक्त दीपक रावत, डीएम मनीष कुमार और एसपी अजय गणपति मौजूद थे।
सवाल: प्रस्तावित टनकपुर-बागेश्वर रेल लाइन का सर्वे, डीपीआर प्रगति में है। जल्द काम शुरू होने की उम्मीद भी जताई जा रही है। क्या इस रेल लाइन का असर प्रस्तावित पंचेश्वर बांध पर पड़ेगा? पंचेश्वर बांध की प्रगति को लेकर ठहराव की स्थिति है, इस परियोजना का भविष्य क्या है? बांध को लेकर ताजा स्थिति क्या है?
मुख्य सचिव: पंचेश्वर बांध को लेकर मेरे पास अभी जानकारी नहीं है। मैं इस बारे में नहीं बता पाऊंगा। भारत सरकार और नेपाल सरकार के बीच की अंतर्राष्ट्रीय परियोजना है। जहां तक रेलवे लाइन की बात है। इसमें रेलवे ऑथरटी से विभिन्न स्तर विचार विमर्श चल रहा है। जो एलाइंमेंट उन्होंने दिए थे, उनमें कुछ प्रमुख शहर नहीं थे। उन्हें शामिल करने के लिए उनसे कहा गया है। वे इस पर फिर से सर्वे कर रहे हैं।
सवाल:2027 में विधानसभा चुनाव होंगे और 14 जनवरी से हरिद्वार में अर्धकुंभ भी शुरू होगा, दोनों के लिए अलग-अलग सुरक्षा और प्रशासनिक व्यवस्थाओं की जरूरत होगी। ये चुनौती कितनी बड़ी होगी, क्या अर्धकुंभ से चुनावों के कार्यक्रम में किसी तरह के बदलाव पर विचार किया जा रहा है।
मुख्य सचिव: देखिए विधानसभा चुनाव भारत निर्वाचन आयोग कराते हैं, उसमें शासन का कोई दखल नहीं रहता है। जो भी डेट्स आयोग तय करती है, उसी के अनुसार चुनाव होते हैं। जो अर्ध कुंभ हैं, उनकी डेट्स भी फिक्स रहते हैं, उन्हीं तारीखों में कुंभ होंगे।
सवाल:शासन की कल्याणकारी योजना है, जिसमें बीपीएल अैर एसएसटी की ऐसी कन्याओं के विवाह के लिए माता या पिता विहीन बेटियों के विवाह के लिए विवाह अनुदान के रूप में 50 हजार रुपये दिए जाते हैं। लेकिन इस शासनादेश में विसंगति दिखती है। माता या पिता में से किसी एक की मौत पर तो बेटी के विवाह में अनुदान राशि 50 हजार रुपये मिलती है, लेकिन माता-पिता दोनों जीवित नहीं हो, तो अनुदान राशि नहीं मिलती है। क्या इस आदेश की समीक्षा की जाएगी?
मुख्य सचिव: जो ऐसी बात है, उसक कोई ना कोई सोल्युशन निकलवाने की कोशिश करेंगे।
सवाल: पलायन की रोकथाम और रिवर्स माइग्रेशन शासन की प्राथमिकता है। लेकिन उत्तराखंड के 9 पतीय जिलों में ना खेती में खास संभावना है और नहीं उद्योग। खेती में सिंचाई की कमी से लेकर जंगली जानवर चुनौती हैं, तो लघु उद्योगों की कमी से उद्योगों के लिए मुश्किल पैदा कर रही हैं। खेती और लघु उद्योगों के बगैर पलायन रोकना कैसे संभव होगा, क्या कोई नीतिगत प्रयास किए जाएंगे?
मुख्य सचिव: बहुत सारी योजनाएं सरकार चला रही है और उसमें एकीकृत करने की कोशिश की जा रही है, चाहे वह कृषि हो, उद्यान हो, उद्योग चल सकते हैं। कई जगह रिवर्स माइग्रेशन के नतीजे भी अच्छे आए हैं, जे कि बाकी लोगों के लिए प्रेरणा बन रहे हैं। जहां भी जो गैप्स हें, उन्हें भरने की कोशिश की जाएगी।

सवाल (पीटीई दिनेश पांडेय): जो ग्लोबल वार्मिंग का असर दिल्ली से देहरादून तक बढ़ रहा है, इस बारे में प्रदेश सरकार दून को प्रदूषण से मुक्त बनाने के लिए क्या उपाय कर रही है?
मुख्य सचिव: देखिए ग्लोबल वॉर्मिंग या जलवायु परिवर्तन के प्रभाव हैं, वे एक शहर या एक प्रदेश तक नहीं है। ग्लोबल फिनोमिना है और इससे ग्लोबल स्तर पर निपटा जा रहा है। जहां तक अपने प्रदेश की बात है, वायु प्रदूषण को कम करने के लिए कई शहर में प्रोजेक्ट चल रहे हैं। सोलिड वेस्ट मैनेजमेंट पर भी प्रदेश सरकार और भारत सरकार को मैनेज करने के लिए काम कर रही है। लिक्विड वेस्ट नदियों में नहीं जाए, इसके लिए भी भारत सरकार और नमामि गंगे में कई काम हो चुके हैं।
सवाल (गिरीश सिंह बिष्ट):वमानव-वन्य जीव संघर्ष लगातार तेजी से बढ़ रहे हैं, 2025 में उत्तराखंड में पहले 11 माह में 32 लोगों की मौत हो चुकी है और 36 जख्मी हुए। इस चुनौती को शासन कितना गंभीर मानता है और संघर्ष को कम से कम करने के लिए क्या उपाय कर रहा है?
मुख्य सचिव: मुख्यमंत्री जी ने वन विभाग को कड़े निर्देश दिए हैं और उसमे विभाग काम भी कर रहा है। अपनी टीमें भी वह जगह-जगह लगा रहा है। जो मौत हो रही है या घायल हो रहे हैं, उनमें मुआवाजे की राशि भी बढ़ाई गई है।
सवाल (लक्ष्मण सिंह बिष्ट): दो दिन के दौरे मेें किन-किन बातों में चर्चा हुई, मुख्यमंत्री के आदर्श जिले की परिकल्पना के लिए कैसे काम हो रहा है?
मुख्य सचिव: मुख्य मंत्री जी का जो विजन है, शारदा रिवर कॉरिडार है,उसका निरीक्षण किया है, जो एजेंसी काम कर रही है, उससे विस्त्रित चर्चा की गई। शारदा कॉरिडार के कई प्रोजेक्ट एडवांस स्टेज में है, उनके 8-10 दिन में स्वीकृति के आदेश भी हो जाएंगे।
सवाल (लक्ष्मण सिंह बिष्ट): लोहाघट नजुल को फ्रीहोल्ड के लिए क्या प्रयास किए जा रहे हैं?
मुख्य सचिव:हमारे जन प्रतिनिधियों ने इस मसले पर चर्चा की। नजुलू नीति पर न्यायालय से स्टे है, ये स्टे जब खत्म होगा, तब तय होगा। सरकार अपने स्तर से प्रयास कर रही है।
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