अध्यक्ष पंडित किशन तिवारी के नेतृत्व में मंदिर समिति ने मुख्य सचिव को दिया ज्ञापन
मेला अनुदान, सीवर लाइन, पेयजल योजना के काम की अड़चन दूर करवाने, बिजली लाइन का काम मेले से पहले पूरा करवाने का किया अनुरोध
देवभूमि टुडे
चंपावत/टनकपुर। उत्तर भारत के सुप्रसिद्ध मां पूर्णागिरी शक्तिपीठ की मेला व्यवस्थाओं को और बेहतर बनाने के लिए कतिपय बेहद जरूरी कदम उठाने का मंदिर समिति ने मुख्य सचिव से आग्रह किया है। श्री मां पूर्णागिरी मंदिर समिति के अध्यक्ष पंडित किशन तिवारी के नेतृत्व में समिति ने CS आनंद वर्धन को टनकपुर में आज 1 दिसंबर को ज्ञापन दिया है। ज्ञापन में मेला अनुदान से लेकर रिंग रोड, पेयजल योजना, बिजली लाइन, सीवर लाइन सहित बेहतर स्वच्छता प्रबंधन के लिए ठोस उपाय करने का आग्रह किया गया है।
मंदिर समिति का कहना है कि तीर्थस्थल में हर साल 30 लाख से अधिक श्रद्धालु देवी दर्शन करते हैं। 3 माह से अधिक (होली के बाद से जून माह तक) समय तक चलने वाले सरकारी मेले के संचालन की व्यवस्थाओं में होने वाली आमदनी से काफी ज्यादा खर्च होता है। इसका असर मेले की व्यवस्थाओं पर भी पड़ता है। अनुदान मिलने से मेले की व्यवस्थाओं का संचालन बेहतर होगा और दर्शनार्थियों को अधिक सुविधा मिल सकेगी। 2010 से पूर्व तक मेले के लिए नियमित रूप से अनुदान मिलता था।
मेला अवधि में मेला संचालक संस्था जिला पंचायत को मेले की व्यवस्थाओं में मंदिर समिति सहयोग करती है। जबकि सामान्य समय में मंदिर क्षेत्र की व्यवस्था का पूरा दारोमदार समिति के कंधों पर रहता है। पंडित तिवारी का कहना है कि मेले के विस्तार को देखते हुए व्यवस्थाओं को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए मेला व्यवस्थाओं में सुधार की जरूरत है। ज्ञापन देने वालों में मां पूर्णागिरी मंदिर समिति के उपाध्यक्ष नीरज पांडेय, सचिव सुरेश तिवारी और कोषाध्यक्ष नवीन तिवारी शामिल थे।



मंदिर समिति की प्रमुख मांगें:
1.मां पूर्णागिरी धाम से लगे गांव चंद्रिका खटक, सेला, कुलासी, जमरानी, मल्ली एवं तल्ली टाक, सेलागाढ़ को रिंग रोड से जोड़ा जाए। इससे इन गांवों के लोगों के अलावा यात्रियों को लाभ और मेले के दौरान होने वाली भीड़ नियंत्रण में भी मदद मिलेगी।
2.मां पूर्णागिरी धाम में ककरालीगेट से मुख्य मंदिर तक मुख्यमंत्री घोषणा में प्रस्तावित लाइट व्यवस्था को मार्च से शुरू होने वाले मेले से पूर्व पूर्ण कराई जाए।
3.मुख्यमंत्री घोषणा में स्वीकृत लादीगाड पेयजल पंपिंग योजना की वन आपत्ति निस्तारण के साथ अविलंब कार्य शुरू करवाया जाए, ताकि इसका लाभ दर्शनार्थियों को मिल सके।
4.मां पूर्णागिरी धाम, भैरव मंदिर से काली मंदिर क्षेत्र तक करीब 2.5 किमी के मेला क्षेत्र में बेहतर सफार्ई व्यवस्था व धाम की पवित्रता के लिए सीवर लाइन।
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