उत्तराखंड वन एवं पर्यावरण सलाहकार समिति के उपाध्यक्ष श्याम नारायण पांडेय ने प्रस्तावित स्थल का मुआयना किया
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने 9 मार्च 2023 को की थी बाटनागाड़ में पुल के निर्माण की घोषणा
देवभूमि टुडे
चंपावत/टनकपुर। पूर्णागिरि धाम को जाने वाले मार्ग पर मुसीबत बनने वाले बाटनागाड़ क्षेत्र का आने वाले समय में इलाज होगा। धार्मिक और सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण इस प्रस्तावित पुल की DPR तैयार की जा चुकी है। साथ ही वन केस ऑनलाइन होने के साथ पत्रावली नोडल स्तर पर है। बाटनागाड़ के इस प्रस्तावित पुल के प्रस्तावित क्षेत्र का तीन दिन पूर्व उत्तराखंड वन एवं पर्यावरण सलाहकार समिति के उपाध्यक्ष श्याम नारायण पांडेय ने निरीक्षण कर अड़चनों को दूर करने के निर्देश दिए।

9 मार्च 2023 को पूर्णागिरि मेले का उद्घाटन करते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पूर्णागिरि मार्ग (टनकपुर-ठुलीगाड़ सड़क) पर बाटनागाड़ में पुल के निर्माण की घोषणा की थी। बाटनागाड़ का नाला पूर्णागिरि धाम के साथ नेपाल सीमा से लगे भारतीय क्षेत्रों की आवाजाही के मद्देनजर बेहद महत्वपूर्ण है। नेपाल सीमा से लगी टनकपुर-जौलजीबी सड़क और टनकपुर ककरालीगेट-भैरव मंदिर सड़क पर आवाजाही के लिए यहीं से होकर गुजरना होता है, लेकिन बाटनागाड़ का ज्यादातर हिस्सा बरसात में अक्सर रोखड़ में तब्दील हो जाता है।
प्रस्तावित पुल के काम में तेजी के मद्देनजर उत्तराखंड वन एवं पर्यावरण सलाहकार समिति के उपाध्यक्ष श्याम नारायण पांडेय ने मौका मुआयना कर अधिकारियों को अड़चन को जल्द से जल्द दूर करने के निर्देश दिए। निरीक्षण के दौरान सामाजिक कार्यकर्ता नित्यानंद भट्ट, चंद्रशेखर जोशी के अलावा वन विभाग के अधिकारी और शारदा कॉरिडोर की DPR बना रही परामर्शदात्री एजेंसी के अधिकारी मौजूद थे।
वहीं लोनिवि के चंपावत खंड के अधिशासी अभियंता मोहन चंद्र पलड़िया ने बाटनागाड़ पुल की DPR तैयार कर ली है। 310 मीटर लंबा यह पुल करीब 36 करोड़ रुपये से बनेगा। वन केस ऑनलाइन कर दी गई है। पत्रावली नोडल स्तर पर है।

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