17 नवंबर की सुबह ग्रामीणों की सूचना पर मौके पर पहुंची वन विभाग की टीम
एक महिला को कर चुका था जख्मी, लगातार कर रहा था हमला
देवभूमि टुडे
चंपावत/लोहाघाट। बाराकोट ब्लॉक के च्यूरानी गांव में पिछले कई दिनों से दहशत का पर्याय बना तेंदुआ पिंजरे में कैद हो गया है। आज 17 नवंबर की सुबह तेंदुए के पिंजरे में कैद होने की सूचना के बाद वन विभाग की टीम उसे छीड़ा वन कार्यालय लाई। मेडिकल परीक्षण में वह स्वस्थ्य पाया गया। तेंदुए के कैद में आने से क्षेत्र के लोगों ने राहत की सांस ली है।
कुछ दिन पूर्व तेंदुए ने छीड़ा गांव की एक महिला पर हमला कर घायल कर दिया था। इसके अलावा वह अन्य लोगों पर भी झपट्टा मार चुका था। लगातार हो रहे हमलों से क्षेत्र में दहशत पैदा हो गई। वन विभाग ने तेंदुए को पकड़ने के लिए पिंजरा लगा दिया। काफी मशक्कत के बाद आखिरकार तेंदुआ पिंजरे में कैद हो गया।
वन क्षेत्राधिकारी आरके जोशी ने बताया कि सोमवार की सुबह ग्रामीणों ने ते हुए के पिंजरे में कैद होने की जानकारी दी। जिसके बाद टीम मौके पर पहुंची और तेंदुए को छीड़ा वन कार्यालय लाकर मेडिकल किया गया। मेडिकल में तेंदुआ स्वस्थ्य पाया गया। तेंदुए की उम्र करीब 5 से 6 साल है। बतया कि उच्चाधिकारियों के निर्देश मिलने पर इसे जल्द तेंदुए को रेस्क्यू सेंटर भेज दिया जाएगा। तेंदुए को वन कार्यालय लाने वालों में वन दरोगा प्रकाश गिरी, राजेंद्र प्रसाद, मोहन तिवारी, कुंवर सिंह सहित अन्य कर्मचारी मौजूद थे।
मंगोली में 4 दिन से नहीं मिली तेंदुए की लोकेशन
चंपावत/लोहाघाट। मंगोली के धूरा क्षेत्र में सोमवार सुबह ग्रामीणों ने तेंदुए को मंडराते हुए देखा। रेंजर एनडी जोशी ने बताया कि ग्रामीणों ने सोमवार की सुबह गुलदार दिखने की सूचना दी, टीम मौके पर भेजी गई, लेकिन तेंदुआ नहीं दिखा। उन्होंंने बताया कि तेंदुए को कैद करने के लिए 3 पिंजरे और 10 कैमरा ट्रैप लगाए गए हैं। एक और पिंजरा लगाया जा रहा है। कैमरा ट्रैप में 4 दिनों से तेंदुए की लोकेशन नहीं मिली है।
क्या कहते हैं अधिकारी:
बाराकोट के च्यूरानी में लोगों पर हमला करा तेंदुआ पिंजरे में कैद हो गया है। मंगोली गांव में एक व्यक्ति को मौत के घाट उतार चुका तेंदुआ अभी पकड़ से बाहर है। तेंदुए को पकड़ने के प्रयास लगातार किए जा रहे हैं।
सुनील कुमार,
उप प्रभागीय वनाधिकारी,
चंपावत।
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