एकल सदस्यीय समर्पित आयोग के अध्यक्ष जस्टिस वर्मा ने पाटी में की सुनवाई
OBC आरक्षण लागू करने से पहले Triple Test पूरा करना जरूरी
देवभूमि टुडे
चंपावत/पाटी। एकल सदस्यीय समर्पित आयोग के अध्यक्ष सेवानिवृत्त न्यायाधीश बीएस वर्मा ने पाटी नगर पंचायत में OBC (अन्य पिछड़ा वर्ग) के सर्वेक्षण की कार्यवाही एवं उच्चतम न्यायालय द्वारा संविधान की अवधारणा के अनुरूप हर नागरिक को समान अवसर और न्यायसंगत प्रतिनिधित्व का अधिकार संबंधी विषय पर जन सुनवाई की।
सर्वोच्च न्यायालय के वर्ष 2021 के 'विकास किशन राव गवली बनाम महाराष्ट्र राज्य' नामक ऐतिहासिक निर्णय का हवाला देते हुए बताया कि इस निर्णय ने देशभर में स्थानीय स्वशासन संस्थाओं में OBC के आरक्षण की प्रक्रिया को नई दिशा दी। उसी निर्णय के निहितार्थों, उसकी व्याख्या और उसके व्यावहारिक प्रभावों पर चर्चा की गई। स्थानीय निकायों में प्रतिनिधित्व और समानता के बीच संतुलन स्थापित करने, राज्य स्तर पर आकड़ा-आधारित आरक्षण प्रणाली की रूपरेखा विकसित करने और न्यायालय के निर्देशों के अनुरूप प्रशासनिक तंत्र को सुदृढ़ करने संबंधी बिंदुओं पर चर्चा की गई।
अध्यक्ष ने कहा कि किसी भी राज्य को OBC आरक्षण लागू करने से पहले तीन अनिवार्य शर्तों (Triple Test) को पूरा करना अनिवार्य है। ये महज तकनीकी औपचारिकता नहीं, बल्कि सामाजिक न्याय की बुनियाद है। यह सुनिश्चित करता है कि आरक्षण का उद्देश्य केवल राजनीतिक लाभ ना होकर वास्तविक प्रतिनिधित्व का साधन बने। उन्होंने स्पष्ट किया कि 'राजनीतिक पिछड़ापन और सामाजिक शैक्षणिक पिछड़ापन' दो अलग अवधारणाएं हैं। स्थानीय निकायों में आरक्षण का उद्देश्य राजनीतिक प्रतिनिधित्व को बढ़ाना है, ना कि स्थाई विशेषाधिकार देना। इस निर्णय ने यह भी बताया कि आकड़ा संचालित नीति ही लोकतांत्रिक शासन की आत्मा है। सार्वजनिक सुनवाई अन्य पिछड़ा वर्ग प्रतिनिधित्व विषय पर गहन अध्ययन और जन भागीदारी के उद्देश्य से की गई है।
न्यायालय के Triple Test को केवल एक कानूनी औपचारिकता ना मानकर एक सामाजिक नीति सिद्धांत के रूप में अपनाया जाना जरूरी है। Triple Test की अवधारणा के अंतर्गत राज्य को एक स्वतंत्र आयोग गठित कर स्थानीय निकाय स्तर पर OBC समुदाय की वास्तविक स्थिति का अध्ययन करते हुए, आयोग की रिपोर्ट के आधार पर यह तय किया जाएगा कि प्रत्येक स्थानीय निकाय में आरक्षण का प्रतिशत कितना होना चाहिए। ऐसे आरक्षण की सीमा SC, ST और OBC के लिए कुल आरक्षण की सीमा 50% से अधिक नहीं हो सकता है।
आज 15 नवंबर को हुई जन सुनवाई में लोहाघाट नगर पालिका अध्यक्ष गोविंद लाल वर्मा, आयोग के सदस्य सचिव विनोद कुमार, अधिशासी अधिकारी भरत त्रिपाठी, सौरभ नेगी, BDO अवनीश कुमार उपाध्याय, व्यापार मंडल अध्यक्ष गोपेश पचौली, पूर्व व्यापार मंडल अध्यक्ष तेज सिंह बिष्ट, भाजयुमो अध्यक्ष बलराज पाटनी एवं अन्य हितबद्ध जन सामान्य सामाजिक कार्यकर्ता हेम शर्मा, राजेंद्र लडवाल, राकेश मेहता, राजू बोहरा, भगवान लाल, पूरन महराना, पीतांबर गहतोड़ी, राजेंद्र मेहता, यशोघर पंगरिया आदि मौजूद थे।
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