चंपावत के CJM का फैसला
30 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया
देवभूमि टुडे
चंपावत। लाइसेंस के बगैर बंदूक रखने के एक अभियुक्त को दोषी पाया गया है। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत ने दोषी को 3 साल की सजा सुनाई है। साथ ही उस पर 30 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। अर्थ दंड नहीं देने पर 6 माह की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी।
जानकारी के अनुसार नवंबर 2021 में लोहाघाट पुलिस ने चेकिंग के दौरान ढोलढूंगी बैंड के पास कार में सवार राकेश सिंह ढेक के पास से बगैर लाइसेंस की 12 बोर की बंदूक बरामद की थी। तब आरोपी के खिलाफ लोहाघाट थाने में मामला दर्ज किया गया था। आरोप पत्र दाखिल होने के बाद अदालत में मामले की सुनवाई शुरू हुई। तमाम दलील, साक्ष्य और गवाहों को सुनने के बाद मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट निहारिका मित्तल गुप्ता की अदालत ने अभियुक्त को आर्म्स एक्ट का दोषी पाया। दोषी को 3 साल की सजा सुनाई गई। अभियोजन पक्ष की ओर से सहायक अभियोजन अधिकारी श्याम सिंह भंडारी ने पैरवी की।
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