बलिदानी शंकर दत्त राय के स्मारक और प्रतिमा का लोकार्पण
जन प्रतिनिधियों के साथ DM मनीष कुमार ने अर्पित किया पुष्पचक्र
देवभूमि टुडे
चंपावत/लोहाघाट। उत्तराखंड राज्य स्थापना दिवस पर आज 9 नवंबर को रायनगर चौड़ी गांव में मातृभूमि की रक्षा में सर्वोच्च शहादत देने वाले शंकर दत्त राय की स्मृति में निर्मित स्मारक एवं प्रतिमा का लोकार्पण किया गया। लोहाघाट के विधायक खुशाल सिंह अधिकारी ने प्रतिमा का अनावरण किया। उन्हें नमन करते हुए उन्होंने कहा कि शंकर दत्त राय ने देश के लिए सर्वोच्च बलिदान किया है। मातृभूमि की रक्षा के लिए उनके बलिदान को सदैव स्मरण रखा जाएगा।
राजकीय महाविद्यालय प्रांगण में हुए कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि ब्लॉक प्रमुख महेंद्र सिंह ढेक एवं DM मनीष कुमार ने शहीद की प्रतिमा पर पुष्पचक्र अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। ADM केएन गोस्वामी, पीजी कॉलेज की प्राचार्या डॉ. संगीता गुप्ता, सैनिक कल्याण विभाग के सहायक अधिकारी हीरा सिंह धौनी, पूर्व सैनिक संगठन के जिलाध्यक्ष कैप्टन आरएस देव आदि ने भी पुष्प चक्र अर्पित किया। शिक्षक नरेश राय द्वारा प्रस्तुत शहीद की शौर्य गाथा ने भावविभोर कर दिया। तीलू रौतेली पुरस्कार प्राप्त शम्भावी मुरारी ने वीर रस से ओतप्रोत कविता प्रस्तुत की। बलिदानी के छोटे भाई कमल राय ने कहा कि आज भी उन्हें अपने बड़े भाई का साया हर पल अपने साथ महसूस होता है। उन्होंने सेना, जिला प्रशासन और क्षेत्रवासियों का कठिन समय में सहयोग के लिए आभार व्यक्त किया।

DM ने बलिदानी की मां लक्ष्मी देवी को शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया तथा उनकी बहनों को सांत्वना दी। उन्होंने कहा कि हम सबका सौभाग्य है कि हम ऐसे वीर सपूत की पावन भूमि पर खड़े हैं, जिसने राष्ट्र की रक्षा हेतु अपने प्राण न्योछावर कर दिए। शहीदों के बलिदान से ही देश की अखंडता और स्वाभिमान सुरक्षित है। कार्यक्रम का संचालन जीवन मेहता और नरेश राय ने किया।
22 जुलाई 1996 को तीन आतंकियों को ढेर कर पाई थी वीर गति:
15 जून 1970 को जन्मे शंकर दत्त राय ने 17 वर्ष में भारतीय सेना की कुमाऊं रेजिमेंट में भर्ती होकर देश सेवा शुरू कर दी। उन्होंने ऑपरेशन पवन के तहत श्रीलंका में तथा ऑपरेशन राइनो में असम के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में बहादुरी से सेवा दी। ऑपरेशन रक्षक के दौरान भारत-पाक सीमा पर तैनाती के समय 21 जुलाई 1996 को उन्होंने घुसपैठ की कोशिश कर रहे तीन आतंकवादियों को बंकर से ढेर कर दिया। भीषण गोलीबारी में गंभीर रूप से घायल होने के बावजूद वे अंत तक डटे रहे और 22 जुलाई 1996 को मातृभूमि की रक्षा करते हुए 26 वर्ष की आयु में सर्वोच्च बलिदान दिया।
ये रहे कार्यक्रम में मौजूद:
ADM कृष्णा नाथ गोस्वामी, रीता राय, व्यापार मंडल अध्यक्ष मनीष जुकरिया, भवानी दत्त राय, नाथू राम राय, कैप्टन खीमानंद राय, गणेश दत्त राय, पूर्व ब्लॉक प्रमुख योगेश मेहता, अमित राय, पार्वती देवी, माया राय, गीता कापड़ी, मीना भट्ट, प्रकाश राय, मोहित राय, सुरेश राय, हरीश राय, प्रकाश साह, शैलेन्द्र राय, भगीरथ भट्ट, मुकुल राय, डॉ. अमर सिंह कोटियाल, चांद बोहरा, लक्ष्मण सिंह मेहता, प्रकाश बगौली, नरेश जोशी, गोविंद बोहरा, रीता गहतोड़ी, शांभवी मुरारी, हेमा बिष्ट, आराध्या भट्ट, राकेश मधूसूदन के अलावा नौवीं कुमाऊं रेजीमेंट और सेना के पूर्व सैनिक, एनसीसी कैडेट्स, जनप्रतिनिधि एवं ग्रामीण।

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