


पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत की चंपावत में पत्रकार वार्ता
उत्तराखंड की सांस्कृतिक विरासत और सनातन पर वार कर रहा है UCC
प्रदेश का नेतृत्व युवा हाथों में सौंपने का सही समय
देवभूमि टुडे
चंपावत। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने 2027 में होने वाले विधानसभा चुनाव में खुद के मुख्यमंत्री का चेहरा होने से इंकार किया। उन्होंने कहा कि वे बुजुर्ग हो गए हैं। प्रदेश का नेतृत्व युवा हाथों में सौंपने का समय आ गया है। वे पार्टी को संवारने का काम करते रहेंगे। पूर्व मुख्यमंत्री ने 22 अप्रैल को चंपावत के शगुन बारातघर में पत्रकारों से वार्ता करते हुए धामी सरकार के कार्यकाल पर निशाना साधा।
कहा उत्तराखंड में लागू UCC कानून को उत्तराखंड की सांस्कृतिक विरासत और सनातन धर्म पर चोट है। UCC से राज्य के सामाजिक तानेबाने पर असर पड़ने लगा है और Live- in- relationship को बढ़ावा मिल रहा है, जो राज्य के हित में नहीं है। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि कांग्रेस ने साबरमती में हुए सम्मेलन में संविधान की रक्षा के लिए न्याय बचाओ यात्रा निकालने का निर्णय लिया है। राष्ट्रीय अन्याय के खिलाफ अभियान के तहत वे यहां न्याय के देव गोलज्यू दरबार में आए हैं। उन्होंने कहा कि वे भाजपा के झूठ का पर्दाफाश करेंगे। उनकी (रावत) सरकार पर मुस्लिम यूनिवर्सिटी बनानेऔर जुम्मे की छुट्टी घोषित करने का झूठा आरोप लगा कर भाजपा ने मतदाताओं को भरमाया है। उन्होंने दावा किया कि इस संबंध में भाजपा ने कोई प्रमाण नहीं दिया है। उन्होंने सरकार की नई आबकारी नीति पर भी हमला किया। कहा कि इस नीति से भाजपा मालामाल हो रही है और आम लोग हलाहल में डूब रहे हैं। रावत ने कहा कि भाजपा के तीन साल के कार्यकाल में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के जिले में कोई भी उल्लेखनीय कार्य नहीं दिखाई दे रहे हैं। कांग्रेस सरकार ने जिले के स्वास्थ्य केंद्रों का उच्चीकरण कर यहां मेडिकल कॉलेज खोलने का प्लेटफार्म तैयार किया था, लेकिन भाजपा सरकार की ओर से कोरी घोषणाएं की जा रही हैं। उन्होंने पूर्व विधायक हेमेश खर्कवाल की पीठ थपथपाते हुए उनके कार्यकाल में जिले में खोले गए चार महाविद्यालयों, इंजीनियरिंग कॉलेज, नर्सिग कॉलेज, पॉलीटेक्निक, आईटीआई सहित कई महत्वपूर्ण उपलब्धियां हैं।
जोंक से की कांग्रेस छोड़कर भाजपा में गए नेताओं की तुलना पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कांग्रेस छोड़कर भाजपा में गए नेताओं की तुलना जोंक से की। उनका कहना था कि ऐसे नेताओं का भाजपा में दम घुट रहा है। अब तक कांग्रेस जिन्हें मंचों में स्थान देती थी, अब उन्हें भाजपा में जमीन में बैठने का भी मौका नहीं मिल रहा है।
वार्ता के दौरान पूर्व स्पीकर गोविंद कुंजवाल, पूर्व दर्जा मंत्री निर्मला गहतोड़ी, पूर्व विधायक हेमेश खर्कवाल, कांग्रेस जिलाध्यक्ष पूरन कठायत, महामंत्री एडवोकेट निर्मल तड़ागी, आशा देवी, पूर्व पीसीसी सदस्य उमेश खर्कवाल, नरेश जोशी, डॉ. श्याम सिंह कार्की, सुधीर साह, अशोक कुमार वर्मा, विपिन जोशी, विनोद बड़ेला, चिराग फर्त्याल, पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष मनीष महर, सोनू रावत, भुवन चौबे, डॉ. वीके जोशी, सुमित कुमार, महेश सिंह, प्रकाश बोहरा आदि मौजूद थे।




