देवभूमि टूडे
चंपावत। उत्तर प्रदेश की कंपनी केपीएस इन्वायरो टैक प्राइवेट लिमिटेड की ओर से रखे गए पर्यावरण मित्रों के तेवर मंगलवार सुबह गरम थे। कर्मियों की ओर से मांग नहीं जाने पर हड़ताल पर जाने की धमकी तक दी गई थी, लेकिन देर शाम कंपनी के प्रतिनिधि से हुई वार्ता के बाद हड़ताल पर जाने की धमकी वापस ले ली गई। इस निर्णय के बाद शहर पर गंदगी का मंडराया खतरा टल गया है।
कंपनी ने पिछले साल चंपावत नगर क्षेत्र की सफाई के लिए 24 पर्यावरण मित्र रखे थे। अमित कुमार, विनोद सहित कई पर्यावरण मित्रों का कहना है कि पूरी जिम्मेदारी से काम करने के बावजूद कंपनी के एक प्रतिनिधि नारायण दत्त तिवारी उनसे अभद्रता करने के साथ ही अक्सर उत्पीडऩ भी करते हैं। कर्मियों का आरोप था कि सफाई के लिए जूते, मास्क सहित बचाव के उपकरण भी नहीं दिए जाते हैं। यहां तक कि तीन कर्मी अतुल, मयंक और प्रिस को काम से बेदखल कर दिया है। पर्यावरण मित्रों ने निकाले कर्मियों को वापस काम पर रखने, बातचीत करने के तरीके में सुधार की मांग की। कर्मियों का कहना है कि सिर्फ रविवार को हाफ डे मिलता है, लेकिन उन्हें नियमित रूप से अवकाश दिया जाए। इन मांगों को लेकर सुमित, संदीप, मनीष, आकाश, सनी, धर्मेेंद्र, नितिन, विजय, पवन, अभिषेक, सोनू, सियाराम, बिजेंद्र, गोविंद आदि कर्मी मंगलवार को कलक्ट्रेट परिसर पहुंचे, लेकिन वहां ईओ और अन्य अधिकारियों से वार्ता का कोई सकारात्मक नतीजा नहीं निकला।
केपीएस इन्वायरो टैक प्राइवेट लिमिटेड के प्रतिनिधि नारायण दत्त तिवारी ने सभी आरोपों से इनकार किया है। कहा कि कई कर्मियों ने दिसंबर में उनके साथ अभद्रता और मारपिटाई की। काम में बार-बार नागरिकों की शिकायत के बाद तीन पर्यावरण मित्र निकाले गए हैं। शहर को साफ करना इन कर्मियों की जिम्मेदारी है। अलबत्ता देर शाम नगर पालिका में ईओ अशोक कुमार वर्मा की मौजूदगी में हुई वार्ता के बाद फिलहाल कर्मचारी मान गए और हड़ताल पर नहीं जाने का निर्णय लिया। इसी के साथ शहर की सफाई को लेकर उठा संशय खत्म हो गया।