सिंचाई विभाग की ढिठाई… दावा किया ग्रामीणों ने नहीं की तालाबंदी


बरसात में जल भराव की दुश्वारी से हर साल फजीहत झेलने वाले ग्रामीणों ने तीन घंटे तक प्रदर्शन और तालाबंदी की
ग्रामीणों का आरोप-विभाग समाधान के बजाय बस हर साल वैकल्पिक उपाय के नाम पर बर्बाद कर रहा मोटी रकम
देवभूमि टुडे
चंपावत/टनकपुर। किरोड़ा नाले से हर साल बरसात में जलभराव की समस्या से जूझने वाले ग्रामीणों ने आठ फरवरी को सिंचाई विभाग के टनकपुर एसडीओ कार्यालय परिसर में प्रदर्शन करने के बाद तालाबंदी की। लेकिन आमबाग, ककरालीगेट, बिचई, ज्ञानखेड़ा, सैलानीगोठ आदि गांवों के तीन हजार से अधिक लोगों की बरसात में होने वाली भारी फजीहत के समाधान के बजाय सिंचाई विभाग सफाई देता फिर रहा है कि ग्रामीणों ने तालाबंदी नहीं की।
जल निकास का प्रबंध नहीं होने से वर्षों से बरसात में टनकपुर क्षेत्र के आधा दर्जन गांव जलभराव के शिकार होते हैं। लोकसभा चुनाव के चंद महीनों पहले लोगों ने इस समस्या पर सरकारी अमले का ध्यान आकृष्ट करने के लिए प्रदर्शन किया। बृहस्पतिवार सुबह सिंचाई विभाग परिसर में सुबह दस बजे से तीन घंटे तक प्रदर्शन और तालाबंद की। ग्राम प्रधान राधिका चंद, ज्ञानखेड़ा के प्रधान नरी राम, बीडीसी सदस्य अशोक पाल, पूर्व बीडीसी सदस्य हरिओम सेठी, उप प्रधान गीता चंद, सेवानिवृत्त प्रधानाचार्य अंबादत्त पंत, दीप पचौली, हिमांशु उप्रेती, राकेश पांडे, रेणु पाल, राधा खत्री, तुलसी देवी, रमेश चंद रामू, उमेश, जगदीश चंद, कैलाश भट्ट, कैप्टन चंद्रशेखर गड़कोटी, ललित शर्मा, कृपाल पंत आदि का कहना है कि विभाग हर बार बस आश्वासन दे रहा है। बाद में मौके पर पहुंचे एसडीएम आकाश जोशी और विधायक प्रतिनिधि दीपक रजवार ने मई तक वैकल्पिक प्रबंध कराने का भरोसा दिलाया। जिसके बाद प्रदर्शनकारी माने और धरना खत्म किया।
कोट
ग्रामीणों ने प्रदर्शन तो किया, लेकिन तालाबंदी नहीं की। कार्यालय में हमारा ताला था। सिंचाई विभाग ने 131 करोड़ रुपये का प्रस्ताव अगस्त 2023 में भेजा है। बरसात के लिए वैकल्पिक उपाय किए जाते हैं।
आरके यादव,
सहायक अभियंता, सिंचाई विभाग,
टनकपुर।

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