केबिन की बॉडी को कटर से काट निकाला गया मैकिनक खलील अहमद
हैंड ब्रेक नहीं लगने से कैंटर के चलने का अंदेशा
देवभूमि टुडे
चंपावत। पुलिस और एसडीआरएफ (राज्य आपदा राहत बल) की तत्काल राहत से कैंटर की मरम्मत कर रहे मैकेनिक की जान बच गई और एक बड़ा हादसा बाल-बाल टल गया। मैकेनिक कैंटर की खामी को दूर करने के लिए केबिन में काम कर रहा था, इसी बीच एकाएक कैंटर के आगे बढ़ जाने से मैकेनिक कैंटर के केबिन और टायर के बीच फंस गया। जिसे एक घंटे से अधिक समय की मशक्कत के बाद रेस्कयू किया जा सका।
घटनाक्रम के मुताबिक एक कैंटर (यूपी 26 टी- 2365) 11 मार्च को खराब हो गया था। इस कैंटर को ठीक कराने के लिए चंपावत में मांदली में खड़ा किया गया था। मैकेनिक खलील अहमद (42) पुत्र मोहम्मद अजीज निवासी किच्छा कैंटर की खामी को दूर कर रहा था, तभी कैंटर आगे बढ़ गया। कैंटर के एकाएक चलने की वजह हैंड ब्रेक का नहीं लगना होने का अनुमान लगाया जा रहा है। कैंटर के अनायास चलने से केबिन बैठ गया। मैकेनिक खलील अहमद कैंटर के केबिन और आगे के टायर के बीच फंस गया। कैंटर भी रोड के नीचे लटकने वाले हाल में हो गया।
कोतवाल योगेश उपाध्याय ने बताया कि डीसीआर के जरिए वाकये की जानकारी मिलते ही एसडीआरएफ और कोतवाली पुलिस की टीम मौके पर पहुंची। दो जेसीबी मशीन की मदद से केबिन की बॉडी को कटर से काटकर मैकेनिक खलील अहमद को सुरक्षित निकाला गया। पांव और पीठ में हल्की चोट लगने की वजह से खलील को आपात सेवा 108 के एंबुलेंस के जरिए जिला अस्पताल ले जाया गया। इलाज के बाद मैकेनिक को अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया।
राहत और बचाव कार्य में एसडीआरएफ की टीम के उप निरीक्षक डुंगर सिंह, कांस्टेबल राजेंद्र सिंह बिष्ट, राम सिंह, किशोर सिंह, अमित मिश्रा के अलावा कोतवाल योगेश उपाध्याय, उप निरीक्षक प्रदीप जोशी, नरेंद्र सिंह नेगी, भुवन वर्मा, नवीन राम, बलवंत सिंह, रविंद्र गिरी, प्रेम राम ने हाथ बंटाया। एसडीआरएफ और पुलिस के इस त्वरित एक्शन की स्थानीय लोगों ने सराहना की है।