लोगों की शिकायत पर हुई कार्रवाई, आठ गिल्टे और मशीन की जब्त
प्रशासन और वन विभाग की टीम के पहुंचने से पहले रफूचक्कर हुआ तस्कर
देवभूमि टुडे
चंपावत/लोहाघाट। लोहाघाट के आदर्श कलोनी भेडख़ान मोहल्ले में हरे देवदार के आठ पेड़ों पर कुल्हाड़ी चल गई, लेकिन प्रशासन को कानोंकान भनक तक न लग सकी। हद तो तब हो गई, जब मामले की प्रशासन को जानकारी में भी लोगों की शिकायत के बाद लगी। प्रशासन और वन महकमे ने मौके पर पहुंच कुछ गिल्टे और लकड़ी काटने वाली मशीन को कब्जे में ले लिया है। लेकिन लकड़ी काटने का दुस्साहस करने वाला प्रशासन के हत्थे नहीं चढ़ सका।
लोगों की शिकायत के बाद तहसीलदार विजय गोस्वामी और वन दरोगा नंदा बल्लभ भट्ट शनिवार को मौके पर पहुंचे। टीम ने मौके से आठ देवदार के पेड़ काटे जाने की पुष्टि की है। इनके खूंट मौके मे मौजूद पाए गए। साथ ही मौके से देवदार के 12 गिल्टे और पेड़ काटने वाली मशीन भी बरामद हुई है। वन दरोगा ने बताया कि काटे गए देवदार के पेड़ो में कुछ हरे और कुछ पेड़ सूखे हैं। खूंटों में आग लगाकर सबूत मिटाने की भी कोशिश की गई है। प्रशासन और वन विभाग ने साफ किया है कि देवदार के पेड़ काटने की किसी को भी इजाजत नहीं दी गई है। पेड़ काटने वाले का पता लगा कार्रवाई की जाएगी। मौका मुआयना करने वालों में राजस्व उप निरीक्षक राकेश पंगरिया, वन बीट अधिकारी पीयूष बिष्ट और पुलिस कर्मी शामिल थे।
लोहाघाट में देवदार के कटे पेड़ों की नपत करते वन कर्मी।
पेड़ पर ऐसे लगाए गए हैं निशान।
काटे गए पेड़ के खूंट।
शहर के बीच ऐसे दुस्साहस को कौन देता है प्रश्रय?
चंपावत/लोहाघाट। लोहाघाट शहर के बीच आदर्श कलोनी के भेडख़ान मोहल्ले में पांच दिन से अधिक समय से बेधड़क देवदार के पेड़ काटे जा रहे थे। बगैर अनुमति और निर्धारित प्रक्रिया के इन पेड़ों को काटने की इतनी दिनों से अनजान आरोपी को हिम्मत कौन दे रहा था। अगर क्षेत्र के कुछ जागरूक लोग शिकायत नहीं करते, तो दुस्साहसी लाखों रुपयों की लकड़ी पार कर चुका होता। दुस्साहसी व्यक्ति लोगों को अनुमति से पेड़ काटे जाने की बात भी कहता रहा, लेकिन हरे पेड़ कटने के बाद लोगों का सब्र टूटा। तब जाकर अनुमति के बगैर पेड़ काटे जाने का भांडा फूटा। लोग इतना बड़ा दुस्साहस करने वालों को प्रश्रय देने वालों के खुलासे की भी मांग कर रहे हैं।
प्रभावी कार्रवाई के लिए थाने में चोरी की एफआईआर जरूरी: डीएफओ
चंपावत के डीएफओ रमेश चंद्र कांडपाल का कहना है कि देवदार के पेड़ लोहाघाट की नजूल जमीन पर कटे हैं। इन पेड़ों की रखवाली की जिम्मेदारी वन विभाग की न होकर राजस्व महकमे की है। जानकारी लगने पर रेंजर दीप जोशी को राजस्व विभाग से समन्वय बना आरोपी के खिलाफ कठोरतम कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं। इसके लिए वन अधिनियम के अंतर्गत कार्रवाई के अलावा लोहाघाट थाने में चोरी का मुकदमा दर्ज करने के लिए कहा गया है। डीएफओ ने कहा कि आरक्षित वन क्षेत्र की सुरक्षा का काम मुख्य रूप से वन विभाग का है।