अवैध पेड़ कटान मामले में एक अधिकारी के चालक पर शक की सुई

पहले पेड़ कटने से बेखबर अब कार्रवाई करने में सुस्ताई
लोहाघाट थाने में मुकदमा दर्ज लेकिन आरोपी पुलिस पहुंच से दूर
देवभूमि टुडे
चंपावत/लोहाघाट। लोहाघाट के नगर क्षेत्र में करीब पांच दिन तक देवदार के पेड़ों पर निर्ममता से कुछ रसूखदार आरी चलाते रहे। तंत्र के जिम्मेदारों को ये शोर सुनाई नहीं दिया। और जब लोगों ने शिकायत की, तो तेजी के बजाय कार्रवाई में कछुआ चाल चली जा रही है। लोगों की शिकायत के बाद प्रशासन और वन विभाग मौके पर पहुंचा जरूर और शनिवार को राजस्व विभाग की तहरीर पर अनजान आरोपियों के खिलाफ मुकदमा भी दर्ज कर लिया गया है। लेकिन रसूखदार आरोपी अभी तक उनके हत्थे नहीं चढ़ सका है। सूत्र बताते हैं कि पेड़ों के कटने में एक अधिकारी के चालक की भूमिका संदिग्ध है, लेकिन उस अफसर का इस पूरे मामले से कोई लेनादेना है या नहीं, यह साफ नहीं है।
लोहाघाट के आदर्श कलोनी भेडख़ान मोहल्ले में पांच दिन तक हरे देवदार के आठ पेड़ों पर कुल्हाड़ी चलती रही। बेखौफ रसूखदार शख्स ने हरे पेड़ों को भी नहीं बख्शा। लेकिन प्रशासन को कानोंकान भनक तक न लग सकी। जागरूक लोगों की शिकायत के बाद शुक्रवार को मामला जग जाहिर हुआ। प्रशासन और वन महकमे ने मौके पर पहुंच 12 गिल्टे बरामद किए। अलबत्ता शनिवार को राजस्व उप निरीक्षक राकेश पंगरिया की ओर से लोहाघाट के आदर्श थाने में दी गई तहरीर के आधार पर पुलिस ने अज्ञात आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 379 और वन अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया है। लेकिन आरोपियों के गिरेबान तक पुलिस के हाथ अभी नहीं पहुंचे हैं। पुलिस का कहना है कि जल्द ही आरोपी पुलिस की पकड़ में होंगे।
दो कमरों में भरे थे पेड़ों की बल्ली और तख्ते
लोहाघाट में जिस स्थान पर देवदार के पेड़ काटे गए हैं, वहीं पास में एक कमरे में बल्ली, तख्ते और मशीन बरामद हुई हैं। साथ ही नजदीक के एक मकान के कमरे में चिरान किए गए पेड़ों के फर्रे भी भरे हुए हैं। नागरिकों का कहना है कि अगर मामले की निष्पक्ष जांच हुई, तो आरोपी तक जांच टीम आसानी से पहुंच सकती है। लेकिन आरोपी के रसूखदार होने से क्या ये मुमकिन होगा? इसे लेकर इलाके के लोगों को संदेह है। लोगों का तो यहां तक कहना है कि अगर चंपावत के डीएफओ आरसी कांडपाल ने सक्रियता न दिखाई होती, तो थाने में शायद मुकदमा भी दर्ज नहीं होता।

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