हर वर्ष कार्तिक पूर्णिमा के अलावा वैशाखी पूर्णिमा के दिन होती है पूजा-अर्चना
देवभूमि टुडे
चंपावत। कार्तिक पूर्णिमा के पावन पर्व पर नौनचुला मंदिर में विधि-विधान से पूजा-अर्चना सम्पन्न हुई। पुजारी बंशीधर भट्ट और पूर्व ग्राम प्रधान नारायण दत्त भट्ट ने बताया कि इस मंदिर में ग्राम बस्तियागूंठ, मझेड़ा के लोगों द्वारा पूजन कराया जाता है।
उन्होंने बताया कि यहां पर प्रसाद (पूरी तरह से घी और शुद्ध दूध से मिलाकर बनाया जाता हैं। जिसमें आटे के अलावा कुछ नहीं मिलाया जाता हैं) यहां पर प्रत्येक परिवार से एक-एक व्यक्ति को शुद्धता से आना पड़ता हैं। परिजनों की मदद से प्रसाद बनाकर एक साथ पूजा-अर्चना कराई जाती हैं।
पूर्व प्रधान नारायण दत्त भट्ट ने बताया कि अत्यधिक ऊंचाई में मंदिर होने से स्वस्थ व्यक्ति ही पहुंच पाते हैं। यहां पर मझेड़ा के अलावा धौन, बजौन, नायल, स्वांला, बनलेख, मौराडी, जयगांव अमोड़ी आदि गांवों के लोग मन्नत लेकर आते हैं। मन्नत पूरी होने पर स्वेच्छा से मंदिर में चढ़ावा चढ़ाने आते हैं! यहां पर अभी रास्ते के अलावा विद्युत व पेयजल की समस्या अक्सर बनी रहती हैं। जिस कारण सभी लोग दर्शन को नहीं पहुंच पाते हैं। यहां पर प्रतिवर्ष कार्तिक पूर्णिमा के अलावा वैशाखी पूर्णिमा के दिन पूजा अर्चना होती हैं।
पंडित गिरिश उप्रेती के मंत्रोच्चार में पुजारी बंशीधर भट्ट, लीलाधर, हेतराम, भैरव दत्त, सतीश चंद, लक्ष्मी दत्त, अंबा दत्त, खीमानंद, डिकर देव, जय दत्त, लोकमणि गणेश दत्त आदि मौजूद थे।