टनकपुर के विष्णुपुरी कालोनी की घटना, हालात में सुधार होने पर बसंती देवी को अस्पताल से छुट्टी दी गई देवभूमि टुडे
चंपावत/टनकपुर। टनकपुर के विष्णुपुरी कालोनी में जंगली मशरूम खाने से एक महिला की एकाएक तबियत बिगड़ गई। आननफानन में परिजन इलाज के लिए महिला को उप जिला अस्पताल ले जाय गया। उपचार के बाद तबीयत में सुधार होने पर महिला को घर भेज दिया गया है। टनकपुर के विष्णुपरी कालोनी की रहने वालीं बसंती देवी (46) पत्नी मदन राम 25 जुलाई की दोहपर खाना खाने के बाद अचानक बेहोश हो गई। घबराए परिजन तत्काल इलाज के लिए अस्पताल ले गए। परिजनों ने बताया कि बसंती देवी ने जंगली मशरूम की सब्जी खाई थी। मुख्य चिकित्साधीक्षक डाँक्टर घनश्याम तिवारी ने बताया कि महिला ने विषैला मशरूम खा लिया था। इलाज करने के बाद हालत सामान्य होने पर महिला को घर भेज दिया गया है। बरसात के सीजन में जंगलों में अलग-अलग प्रजाति का जंगली मशरूम उग आता है। सही पहचान नहीं होने के कारण कई लोग विषैला मशरूम तोड़ लाते हैं, जो खाने के बाद जानलेवा भी साबित हो सकता है।
कैसे होते है ज़हरीले मशरूम, कैसे पहचानें?
ICAR (भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद) के अनुसार ज़हरीले मशरूम की पहचान करना मुश्किल है। मशरूम से जुड़ी कुछ धारणाएं हैं जिसकी मदद से आमतौर पर लोग ज़हरीले मशरूमों का पता लगाते हैं लेकिन इन धारणाओं के आधार पर ज़हरीले मशरूमों का निश्चित तौर पर पता नहीं लगाया जा सकता है। इनमें से एक तरीक़ा ये था कि मशरूम के रंग से पता किया जाए कि मशरूम ज़हरीला है या नहीं। मान्यता ये है कि चमकीले रंग के मशरूम ज़हरीले होते हैं लेकिन दुनिया के ज़्यादातर ज़हरीले मशरूम के रंग भूरे या सफ़ेद है। डेस्ट्रॉइंग एंजल का रंग बिलकुल सफ़ेद है। एमानिटिन वाले मशरूम का रंग चमकीला नारंगी या सफ़ेद रंग का हो सकता है। लोग ये भी मानते थे कि ज़हरीले मशरूम जब चांदी से मिलते हैं, तो चांदी काली पर जाती है लेकिन अभी तक ये साबित नहीं हो पाया है। साथ ही, लोग ये भी समझते हैं कि अगर मशरूम की कैप यानी ऊपरी हिस्सा नुकीला हो, तो वो ज़हरीला है लेकिन अगर डेथ कैप मशरूम की बात की जाए, तो उसका आकार नुकीला नहीं बल्कि गोल है।