सर्वे रिपोर्ट रेलवे को सौंपी, अब तक हो चुके हैं सात सर्वे
170 किमी लंबी लाइन पर 49 हजार करोड़ रुपये की लागत आने का अनुमान
देवभूमि टुडे
चंपावत/टनकपुर/बागेश्वर। क्या टनकपुर-बागेश्वर रेल लाइन का काम जल्द शुरू होगा? ये सवाल इस रेल लाइन से संबंधित सर्वे के पूरा होने से उठ रहा है। नेपाल सीमा से लगे टनकपुर-बागेश्वर रेल लाइन का सर्वे पूरा होने की रिपोर्ट कार्यदाई संस्था ने रेलवे को सौंप दी है। पूर्वोत्तर रेलवे को सर्वे की रिपोर्ट मिल चुकी है। सर्वे की मंजूरी के बाद आगे का काम शुरू होगा।
नोएडा की स्काई लार्क इंजीनियरिंग डिजाइनिंग प्राइवेट लिमिटेड ने 18 अप्रैल 2022 से रेलवे के सर्वे का काम करीब शुरू हुआ था। कंपनी ने विभिन्न चरणों में सर्वे के तहत पहाड़ की टेस्टिंग, लेवल टेस्टिंग, रडार और ड्रोन से सर्वे के बाद पिलर लगाने का काम किया। सर्वे में टनकपुर, पूर्णागिरि, चूका गांव, दियूरी, अमौन, सुला, बरुला, मलार, नाली माली, हटोली, पगना और बागेश्वर में स्टेशन रखा गया है। वर्ष 2015-16 में राष्ट्रीय महत्व की परियोजना में शामिल इस रेल लाइन की लंबाई 54.58 किमी प्रस्तावित थी। इस रेल लाइन के बनने से चीन सीमा तक पहुंच आसान हो जाएगी।
रेल लाइन की कवायद आजादी से पूर्व वर्ष 1882 से शुरू हुई। अब तक सात सर्वे पूरे हो चुके हैं। पहला सर्वे वर्ष 1912 में हुआ था। 1980, 2006, 2008, 2009 और 2012 में सर्वे हुए। 170 किलोमीटर लंबी लाइन में 49 हजार करोड़ रुपये खर्च होंगे। जबकि शुरुआती सर्वे में 169.99 किमी लंबी लाइन की अनुमानित लागत करीब 44140 करोड़ रुपये थी। इसके लिए 27 हजार हेक्टेयर निजी जमीन सहित कुल 452 हेक्टेयर जमीन के अधिग्रहण की बात कही गई थी।