चंपावत के घटोत्कच मंदिर परिसर में होगा दो दिनी आयोजन
नई तकनीक के साथ दूध के उत्पादन बढ़ाने में सहायक होगा दुग्ध मेला: अध्यक्ष पार्वती जोशी
दुग्ध प्रदर्शनी, पशु प्रदर्शनी, बोनस वितरण, बहुउद्देश्यीय शिविर, दीप संध्या, स्कूली बच्चों की प्रतियोगिता सहित कई महत्वपूर्ण कार्यक्रम होंगे
आंचल का मिठाई स्टॉल रहेगा आकर्षण का केंद्र
देवभूमि टुडे
चंपावत। उत्तराखंड बनने के बाद पहली बार चंपावत जिले में आंचल दुग्ध उत्पादक मेला लगेगा। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्वाचन क्षेत्र वाले चंपावत के ऐतिहासिक आध्यात्मिक स्थली चंपावत के घटोत्कच मंदिर परिसर में 22 अक्टूबर से दो दिन तक लगने वाले इस मेले में दुग्ध प्रदर्शनी, पशु प्रदर्शनी, अधिक दुग्ध उत्पादन करने वाली पांच समितियों को बोनस वितरण भी किया जाएगा। दुग्ध संघ के निदेशक कृष्णा जोशी का कहना है कि इन तमाम कार्यक्रमों के अलावा बहुउद्देश्यीय शिविर, स्वयं सहायता समूहों के स्टॉल, स्कूली बच्चों की प्रतियोगिताओं और आंचल सांस्कृतिक संध्या का भी आयोजन किया जाएगा। घटोत्कच मंदिर में दुग्ध संघ से संबद्ध स्थानीय महिलाएं 2100 दीप भी प्रज्वलित करेंगी। संघ की सबसे खास खूबी आंचल का मिठाई स्टॉल रहेगा।
चंपावत दुग्ध उत्पादक सहकारी संघ लिमिटेड की अध्यक्ष पार्वती जोशी ने बताया कि इस दुग्ध मेले से जिले को मॉडल जिला बनाने में मदद मिलेगी। जोशी ने कहा कि मेले से न केवल दुग्ध उत्पादकों को नई तकनीक, विपणन के तरीके, आय बढ़ाने में मदद और पशुपालन की बारीकियों को जानने का मौका मिलेगा, बल्कि अन्य स्वरोजगारपरक गतिविधियों से भी रूबरू होने का मौका मिलेगा। मेले का आगाज जिला पंचायत अध्ध्यक्ष ज्योति राय करेंगी। दुग्ध संघ प्रबंधक पुष्कर सिंह नगरकोटी का कहना है कि चंपावत जिले में दुग्ध संघ की 224 समितियों में पांच हजार सदस्य समितियों को दूध देते हैं। दुग्ध संघ इस वक्त करीब 15500 लीटर रोजाना दूध एकत्र कर रहा है। वैसे बरसात के दौरान दुग्ध संग्रह का ये आकड़ा 18 हजार से अधिक पहुंचता है। इसी माह घटोत्कच महोत्सव का कामयाब आयोजन करने वाली समिति के अध्यक्ष मनमोहन सिंह बोहरा का कहना है कि महोत्सव को लेकर क्षेत्र के लोगों में खूब उत्साह है। आयोजन की तैयारी में महोत्सव आयोजन समिति भी सहयोग करेगी।