‘आरोप मिथ्या…निष्पक्ष जांच हो’

उत्तरांचल फेडरेशन ऑफ मिनिस्ट्रियल सर्विसेज एसोसिएशन ने SP को ज्ञापन भेज निष्पक्ष एवं उच्च स्तरीय जांच की मांग की
कर्मचारी नेता नगेंद्र जोशी के समर्थन में आए दो कर्मचारी संगठन
देवभूमि टुडे
चंपावत। बाराकोट खंड शिक्षाधिकारी कार्यालय में कार्यरत वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी (राजपत्रित अधिकारी) नगेंद्र जोशी पर 8 अक्टूबर को बालिका के अपहरण के संदर्भ में लगाए गए आरोप को गलत बताते हुए उत्तरांचल फेडरेशन ऑफ मिनिस्ट्रियल सर्विसेज एसोसिएशन और एजुकेशनल मिनिस्ट्रियल ऑफिसर्स एसोसिएशन ने निष्पक्ष एवं उच्च स्तरीय जांच की मांग की है। इसे लेकर आज 13 अक्टूबर को एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष विनोद कुमार एवं जिला सचिव जीवन ओली के नेतृत्व में पुलिस अधीक्षक कार्यालय में ज्ञापन दिया है।
संगठन का कहना है कि जोशी पर लगाए गए आरोप मिथ्या है तथा उनकी व्यक्तिगत, विभागीय एवं सामाजिक छवि को नुकसान पहुंचाने वाले हैं। वक्ताओं ने कहा कि नगेंद्र जोशी बेदाग चरित्र के कर्मचारी नेता हैं, जो शिक्षक कर्मचारियों की समस्याओं के समाधान के लिए डटकर खड़े रहते हैं। साथ ही साथ वे सामाजिक कार्यकर्ता भी हैं। कुछ लोग उनकी छवि को खराब करने का प्रयास कर रहे हैं, जिसे कर्मचारी संगठन बर्दाश्त नहीं करेगा। संगठन का कहना है कि यदि नगेंद्र जोशी की छवि खराब करने वालों पर कार्रवाई नहीं होती है, तो वे आरपार की लड़ाई लड़ेंगे।
ज्ञापन देने वालों में नगेंद्र जोशी, लोचन त्रिपाठी, हिमांशु मुरारी, कैलाश नाथ महंत, मिंटू राणा, ललित मोहन चतुर्वेदी, शोभन सिंह, रविंद्र चंदेल, मुकेश जोशी, हिमांशु कलोनी, मालविका पंत, मंजू तड़ागी, विमला जोशी आदि शामिल थे।
पुलिस ने कहा कि मामले की निष्पक्ष जांच होगी। किसी के साथ नाइंसाफी नहीं होने दी जाएगी।
ये है आरोप:
8 अक्टूबर को एक नाबालिग छात्रा की मां ने तहरीर देकर उनकी 14 वर्षीय बेटी के अपहरण का प्रयास और छेड़छाड़ का आरोप लगाया था। तहरीर के आधार पर लोहाघाट पुलिस ने कर्मी नागेंद्र जोशी, शिक्षक दुर्गेश जोशी और एक अन्य व्यक्ति के खिलाफ 8 अक्टूबर को POCSO अधिनियम (11), BNS की धारा 127 और 78 के तहत मुकदमा दर्ज किया था। मामले की जांच दरोगा सुष्मिता राणा कर रही हैं।

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