शोक में बंद रहा बाजार, चुप हो गई सामाजिक मुद्दों की मुखर आवाज 26 जुलाई को अचानक तबीय बिगड़ी, जिला अस्पताल में ली अंतिम सांस
देवभूमि टुडे
चंपावत। नामचीन क्रिकेटर रहे राज्य आंदोलनकारी और व्यापारी दीपक तड़ागी लारा का असामयिक निधन हो गया। 26 जुलाई को एकाएक तबीयत बिगड़ने पर उन्हें जिला अस्पताल ले जाया गया। लेकिन इलाज के दौरान उन्होंने दम तोड़ दिया। 50 वर्षीय लारा अपने पीछे भरापूरा परिवार छोड़ गए। यकायक उनकी मौत से परिवार में मातम छा गया। व्यापारी और तमाम सामाजिक-राजनीतिक संगठन भी गमगीन हैं। शोक में का चंपावत के व्यापारियों ने दुकानें बंद रखीं।
बेहद मिलनसार, मृदुभाषी, सामाजिक और क्षेत्रीय मुद्दों को लेकर मुखर रहे दीपक तड़ागी लारा ने उत्तराखंड राज्य आंदोलन की जंग में बढ़चढ़ कर हिस्सेदारी की। निधन पर व्यापार मंडल अध्यक्ष विकास शाह, महामंत्री हरीश सक्टा, जिलाध्यक्ष सतीश जोशी, जिला महामंत्री कमलेश राय, पूर्व प्रमुख बहादुर सिंह फर्त्याल, बसंत तड़ागी, पूर्व अध्यक्ष अमरनाथ सक्टा, विक्की चौधरी, रवींद्र तड़ागी, भगवत शाह, विधायक प्रतिनिधि प्रकाश तिवारी, भाजपा प्रदेश कार्यकारिणी उमेश खर्कवाल, एडवोकेट शंकर दत्त पांडेय, श्याम नारायण पांडेय, गोविद सामंत, कैलाश अधिकारी, मुकेश कलखुड़िया, लोहाघाट के पूर्व विधायक पूरन सिंह फर्त्याल, चंपावत के पूर्व विधायक हेमेश खर्कवाल, कांग्रेस जिलाध्यक्ष पूरन कठायत, विपिन जोशी, सूरज प्रहरी, नीरज वर्मा, कैलाश पांडेय, सुधीर शाह, श्याम कार्की, राकेश वर्मा सहित बड़ी संख्या में लोगों ने शोक जताया है।