अल्लाह हू अल्लाह हू जब यहां कुछ न था बस…हजरत सैय्यद कालू बाबा की मजार पर चढ़ीं चादरें

लोहाघाट में चादर पोशी का जुलूस निकला, तीन दिनी उर्स का 26 मई को होगा समापन

देवभूमि टुडे

चंपावत/लोहाघाट। हिंदू-मुस्लिम एकता की मिसाल लोहाघाट के हथरंगिया स्थित हजरत सैय्यद कालू बाबा की मजार में तीन दिनी उर्स के दूसरे दिन 25 मई को चादरपोशी का जुलूस निकला। जुलूस में विभिन्न स्थानों से आए जायरीनों ने शिरकत की। शनिवार को वक्फ बोर्ड के सदर व गद्दी नसीन बाबा हसमत हुसैन के दौलत खाने से चादरपोशी का जुलूस निकला।

जुलूस के आगे पिथौरागढ़ के मशहूर कव्वाल रवि कुमार और उनके हमनवाओं ने बाबा की शान में- दीवाने चले जाओ अजमेर नगरिया में, ये तो ख्वाजा का करम है मेरे ख्वाजा का करम है…, अल्लाह हू अल्लाह हू जब यहां कुछ न था बस तेरा ही जलवा था… आदि कलाम पेश कर चल रहे थे। विभिन्न मार्गों से होते हुए जुलूस बाबा की मजार पहुंचा। जहां अजमेर शरीफ ख्वाजा की दरगाह से आई चादर भी चढ़ाई गई। बाबा की मजार पर देर रात तक चादरें चढ़ाने का सिलसिला जारी रहा। खटीमा सहित कई जगहों से आए व्यापारियों ने दुकानें सजाई हुई हैं। उर्स के लिए पिथौरागढ़, डीडीहाट, जौलजीबी, चंपावत, खटीमा, पीलीभीत हल्द्वानी आदि स्थानों से जायरीन पहुंचे हुए हैं। रविवार को उर्स का समापन होगा।

इस मौके पर इंतजामियां कमेटी के सदर जावेद यार खां, अनीसा बेगम, पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष गोविंद लाल वर्मा, वाल्मीकि समाज के सरपंच हरचरन सिंह, पूर्व चेयरमैन भूपाल सिंह मेहता, लता वर्मा, पूर्व प्रमुख भगीरथ भट्ट, नवीन पांडेय, डॉ. योगेश चतुर्वेदी, जहीर कुरैशी, जौली, साहिद सिद्दकी, नजर सिद्दकी, रहीश हुसैन, जिशान कुरैशी, शब्बी कुरैशी आदि मौजूद थे।

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