फंसे वाहनों को निकालने की कवायद चल रही, फिलहाल चंपावत या टनकपुर से वाहनों की नहीं होगी आवाजाही, 12 सितंबर से स्वांला में थी अड़चन
देवभूमि टुडे
चंपावत। टनकपुर-पिथौरागढ़ राष्ट्रीय राजमार्ग पर टनकपुर-चंपावत के बीच स्वांला में 12 सितंबर से बनी अड़चन के दूर होने के आसार बढ़ गए हैं। तकरीबन 16 दिन से बाधित सड़क में आज 17वें दिन 28 सितंबर की शाम करीब 5 बजे स्वांला से मलबा हटाने, रैंप निर्माण और ऐंकरिंग का काम होने के बाद वाहनों का ट्रायल लिया गया। जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी देवेंद्र पटवाल ने बताया कि अभी छोटे वाहनों के साथ ही बड़े वाहनों का भी ट्रायल शुरू किया जा रहा है। स्वांला-अमोड़ी के बीच फंसे वाहनों को निकालने की कवायद चल रही है। लेकिन अभी टनकपुर या चंपावत की ओर से वाहनों की आवाजाही की इजाजत नहीं है। रैंप ठीक से काम करने से आगे अन्य वाहनों को लेकर निर्णय लिया जाएगा।
मूसलाधार बारिश के बाद लगातार मलबा आने से 12 सितंबर से टनकपुर-चंपावत के बीच स्वांला में आवाजाही बाधित है। कल शुक्रवार से मौके पर डटे एनएच खंड के मुख्य अभियंता दयानंद और अधीक्षण अभियंता अनिल पांगती की मौजूदगी रंग लाई। स्वांला से सड़क को सुचारू करने के लिए पहाड़ी की तरफ से नई तकनीक से काम किया। कल दिन और पूरी रात काम होने के बाद रैंप निर्माण और ऐंकरिंग का काम तकरीबन पूरा कर लिया गया है। बताया गया कि पहले हल्के वाहन चलाए जाएंगे और फिर हालत ठीक रहने पर भारी वाहन चलाए जाएंगे।
एनएच पर स्वांला के इस हिस्से से मलबे के निस्तारण के लिए 19 सितंबर से सुबह 6 बजे से मध्यान्ह 12 बजे तक आवाजाही के लिए बंद रखा गया है। जबकि 24 सितंबर से आज 28 सितंबर तक पूरे दिन आवाजाही पर रोक लगाई गई थी। वहीं टनकपुर-चंपावत के बीच सफर करने वालों को जीप-टैक्सी के जरिए रीठा साहिब-सूखीढांग होते हुए 70 किलोमीटर अधिक दूरी और ज्यादा किराया देकर कठिनाइयों के बीच आवाजाही करनी पड़ रही है। जबकि भारी वाहन लोहाघाट-देवीधुरा-हल्द्वानी होते हुए आवाजाही कर रहे हैं।