चमदेवल के तीन दिनी चैतोला मेले का श्रीगणेश 18 अप्रैल से
मेले में प्रसाद के रूप में चढऩे वाले चावल के पापड़ बनना शुरू
देवभूमि टुडे
चंपावत/लोहाघाट। गुमदेश के चमदेवल में चैतोला मेला 18 अप्रैल से शुरू होगा। लोकतंत्र के पर्व यानी मतदान दिवस के दिन 19 अप्रैल को चैतोला का मुख्य मेला होगा। मेले की सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। गुमदेश क्षेत्र की महिलाओं ने चमू देवता को प्रसाद के रूप में चढ़ाए जाने वाले पापड़ बनाना शुरू कर दिया है। मेले से पूर्व गुमदेश के कई गांवों में वीर रस पर आधारित ढुस्कों का गायन किया जा रहा है।
बुधवार को चमदेवल के चौखाम बाबा मंदिर में चौमू् चौखाम बाबा मंदिर समिति के अध्यक्ष खुशाल सिंह धौनी ने बताया कि मुख्य मेले की सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। बाहरी क्षेत्रों के व्यवसाइयों ने दुकानें लगा ली हैं। 18 अप्रैल को चमू देवता का सिंहासन मुख्य मंदिर से मड़ गांव की ओर रवाना होगा। 19 अप्रैल को मतदान के दिन मुख्य मेला होगा। जिसमें 11 गांव के जत्थे चमू देवता मंदिर चमदेवल में परिक्रमा करेंगे। 20 अप्रैल को व्यापारिक मेला लगेगा।
पुरोहित मदन कलौनी और पंडित शंकर पांडेय ने बताया कि चमू देवता को चढने वालने पापड़ के प्रसाद को गुमदेश के कई गांवों में बनाया जा रहा है। शुद्धता के साथ बनाए जाने वाला यह प्रसाद चावल के आटे का बनाया जाता है। यह प्रसाद चमू देवता को चढ़ाने के बाद श्रद्धालुओं को वितरित किया जाएगा। कल्याण सिंह धौनी, देव सिंह धौनी, खीम राम, नर सिंह धौनी, मान सिंह, संजय सिंह, मनमोहन सिंह, बहादुर सिंह, दीवान सिंह, जोगा सिंह आदि सहयोग कर रहे हैं।