खनन की नई नीति में हो बदलाव…निदेशक को दिया ज्ञापन

खनन कारोबारियों ने पहले की तरह पड़ोसी जिलों और उत्तर प्रदेश में खनन सामग्री की बिक्री की अनुमति देने की मांग की, नई नियमावली से कारोबारियों के सम्मुख रोजी-रोटी का संकट
देवभूमि टुडे
चंपावत/टनकपुर। खनन नियमावली में बदलाव स्थानीय खनन कारोबारियों के लिए मुसीबत बन रहे हैं। इससे उनके सम्मुख रोजी-रोटी का संकट आ खड़ा हुआ है। मौजूदा नियमावली के तहत कारोबारी खनन सामग्री को पड़ोसी जिले (ऊधमसिंह नगर और नैनीताल) में भी बिक्री नहीं कर सकेंगे। कारोबारियों ने इस नीति को पूर्व की तरह कर पड़ोसी जिलों और उत्तर प्रदेश में भी बिक्री की अनुमति देने की मांग की है।

इस मांग को लेकर खनन कारोबारियों ने भूतत्व एवं खनिज निदेशक को 29 अगस्त को ज्ञापन सौंपा। उद्योग और कारोबारी लिहाज से पिछड़े इस जिले में खनन कार्य से सैकड़ों परिवारों की रोजी-रोटी चलती है। बरसात से पूर्व हर वर्ष क्षेत्र के खनन कारोबारी खनिज सामग्रियों का भंडारण करते हैं। मानसून सीजन में प्रदेश के मैदानी क्षेत्रों और पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में खनन सामग्री बेची जाती है। लेकिन प्रदेश सरकार के द्वारा खनन नीति में बदलाव करने से भंडारण की गई खनन सामग्री की न उप्र और नहीं प्रदेश के दूसरे मैदानी जिलों में बिक्री की जा सकेगी। इसके चलते स्थानीय खनन भंडारणकर्ताओं के सम्मुख संकट गहरा गया है।

क्षेत्र के भंडारणकर्ताओं ने भूतत्व एवं खनिज निदेशक राजपाला लेघा को ज्ञापन सौंप उप्र और उत्तराखंड के ऊधमसिंह नगर, नैनीताल जिलों में उपखनिज की बिक्री की अनुमति देने की मांग की है। ज्ञापन में खनन कारोबारी उमेश खर्कवाल, कुलदीप पाटनी, विनय धामी, हयात सिंह मेहता, योगेंद्र सिंह ज्याल, महेश सिंह आदि भंडारणकर्ताओं के हस्ताक्षर हैं।

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