VOTING पर भारी ना पड़ जाए पुल की कमी!

पूर्व BDC सदस्य ने SDM के जरिए DM को भेजा ज्ञापन
पुल नहीं होने से आवाजाही में दुश्वारी से पंचायती चुनाव में मतदान प्रभावित होने का भी है अंदेशा
देवभूमि टुडे
चंपावत/टनकपुर। लंबे समय से एक पैदल पुल की दूरस्थ कठौल के ग्रामीण मुख्यमंत्री सहित तमाम जन प्रतिनिधियों और अफसरों से मांग करते रहे हैं, लेकिन पुल को मंजूरी नहीं मिली। और अब पुल के नहीं होना त्रिस्तरीय पंचायती चुनाव में भी भारी पड़ने का अंदेशा जताया है। ये अंदेशा क्षेत्र के लोग जता रहे हैं। इसे लेकर पूर्व क्षेत्र पंचायत सदस्य जगदीश चंद्र परगांई ने टनकपुर के SDM के माध्यम से DM को ज्ञापन भेजा है। ज्ञापन में कहा गया है कि क्षेत्र के लोग बीते 8 वर्षों से क्षेत्रवासियों और श्रीब्यानधुरा बाबा मंदिर यात्रियों की सुविधा के लिए कठौल नदी में झूला पुल के निर्माण की मांग करते रहे हैं। बरसात के दौरान करीब 3 महीने ग्राम कठौल का संपर्क अन्य क्षेत्रों से पूरी तरह कट जाता है। ज्ञापन में कहा गया है कि बरसात में होने वाले पंचायती चुनाव को देखते हुए ग्रामीणों के सामने मतदान करने से वंचित रहने का अंदेशा हो गया है। ग्रामीणों को मतदान के लिए नदी पार कर 7 किलोमीटर पैदल चलकर बुड़म गांव में आना पड़ता है। बरसात में अक्सर नदी में पानी का बहाव बहुत तेज और जल स्तर काफी ऊंचा हो जाता है। जिससे आवाजाही करना खतरे से खाली नहीं है।
ग्रामीणों का कहना है कि पुल के निर्माण के लिए मुख्यमंत्री, जन प्रतिनिधियों और अफसरों से आग्रह किया जाता रहा है, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो सकी है। ग्रामीणों ने एक बार फिर से इस स्थान पर झूला पुल को बनाने की मांग की है। ज्ञापन में पूर्व क्षेत्र पंचायत सदस्य जगदीश चंद्र परगांई, पूर्व ग्राम प्रधान नारायण सिंह महरा, मंडल अध्यक्ष गोविंद सिंह, प्रेम सिंह, शिवराज सिंह, मोनू सिंह, केदार सिंह, तिलोक राम, लक्ष्मण सिंह आदि के हस्ताक्षर हैं।

प्रतीकात्मक फोटो।
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