दूर हुई जमीन की अड़चन… कोट अमोड़ी में बनेगा Sub Station

संयुक्त सर्वे में मिली हरी झंडी
2022 में मुख्यमंत्री ने किया था अमोड़ी में बिजलीघर बनाने का ऐलान
बिजलीघर बनने पर 75 गांवों के 17 हजार लोगों की बिजली आपूर्ति में सुधार होगा
देवभूमि टुडे
चंपावत। अमोड़ी के बिजली Sub Station की जमीन के लिए तीसरी बार सर्वे हुआ है। पूर्व में दो बार चयनित जमीन अनुपयुक्त पाए जाने के बाद आज 6 मार्च को फिर से नए स्थान पर संयुक्त सर्वे हुआ। UPCL के चंपावत के उप खंड अभियंता संजय भंडारी ने बताया कि संयुक्त सर्वे में कोट अमोड़ी की जमीन सब स्टेशन के लिए उपयुक्त पाई गई है। वन पंचायत की 17 नाली जमीन सड़क से लगी होने के अलावा समतल भी है। इस बिजलीघर के अस्तित्व में आने से अमोड़ी सहित चंपावत क्षेत्र के 75 से अधिक गांवों के करीब 17 हजार लोगों की बिजली आपूर्ति बेहतर हो सकेगी।
क्षेत्र की दिक्कतों को देखते हुए अमोड़ी क्षेत्र में 2022 में Sub Station निर्माण का मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने ऐलान किया था। लेकिन इस बिजलीघर के लिए तलाश की गई जमीन दो बार अनुपयुक्त पाई गई। अलबत्ता अब कोट अमोड़ी में चयनित भूमि संयुक्त सर्वे के बाद शुरुआती तौर पर उपयुक्त बताई गई है। संयुक्त सर्वे में सहायक अभियंता (सिविल) रमेश कर्नाटक, JE आशीष ग्वाल और रमेश भट्ट शामिल थे। ऊर्जां निगम के चंपावत खंड के EE विजय कुमार सकारिया का कहना है कि भूमि हस्तांतरण की प्रक्रिया पूरी होने के बाद काम शुरू किया जाएगा।
नेपाल सीमा से लगे तल्लादेश से लेकर नैनीताल सीमा से लगे तल्लापाल के ककनई आदि का 200 किमी क्षेत्र की बिजली आपूर्ति चंपावत बिजलीघर के चल्थी फीडर पर आश्रित है। लंबा क्षेत्र होने के अलावा जंगल और विषम भौगोलिक हालत होने से किसी एक जगह मामूली खामी होने पर समूचे क्षेत्र की बिजली आपूर्ति बाधित होने से लोग अंधेरे में रहते हैं। नेपाल सीमा से लगे तल्लोदश का तामली, मंच, नैनीताल सीमा से लगा डांडा, ककनई, बुड़म, सूखीढांग, अमोड़ी, वैला, खटोली, स्वांला, चल्थी, धौन, दियूरी आदि क्षेत्र इस वजह से प्रभावित होता है।

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