हाथी की हुंकार से खौफ में पूर्णागिरि क्षेत्र

पूर्णागिरि मार्ग पर रात को विचरण कर रहे गजराज से ग्रामीणों और श्रद्धालुओं में दहशत
ग्रामीणों ने DFO को फोन कर बचाव के ठोस उपाय करने का आग्रह किया DFO कुंदन कुमार का दावा- उठाए जा रहे हैं बचाव के कदम
देवभूमि टुडे
चंपावत/टनकपुर/पूर्णागिरि धाम। पूर्णागिरि मेले के बीच पूर्णागिरि मार्ग और मेला क्षेत्र में हाथी की आवाजाही से श्रद्धालुओं और ग्रामीणों में दहशत है। पूर्णागिरि मार्ग पर पिछले कई रातों से हाथी पूर्णागिरि मार्ग पर बूम और उचौलीगोठ में सड़क से विचरण करता दिखा। कल 6 मई की शाम भी बूम पार्किंग के पास हाथी की आवाजाही हुई। शाम ढलते ही अक्सर हाथी पूर्णागिरि सड़क और आबादी वाले इलाकों से गुजरा। हाथी के आते ही आसपास के लोगों ने इकट्ठा हो हाथी को जंगल की ओर खदेड़ा।
लगातार हाथी की आवाजाही से दहशत में आए लोगों ने बाद में प्रभागीय वनाधिकारी को फोन कर रात्रि गश्त सहित बचाव के अन्य ठोस उपाय करने का आग्रह किया।
पूर्णागिरि मार्ग और ग्रामीण क्षेत्रों में गजराज के अप्रैल से अक्सर विचरण करने से क्षेत्र के नागरिक और पूर्णागिरि देवी दर्शन के लिए आ-जा रहे श्रद्धालुओं में दहशत है। इससे पूर्व भी हाथी इस मार्ग पर गैडाखाली, उचौलीगोठ क्षेत्रों में दुकान व कच्चे निर्माणों को भी नुकसान पहुंचा चुका है।
हल्द्वानी के प्रभागीय वनाधिकारी कुंदन कुमार ने कहा कि ये इलाका बूम ब्रहमदेव Elephant corridor का भी हिस्सा है, जिस कारण यहां हाथियों की अक्सर आवाजाही होती रहती है। पूर्णागिरि मार्ग और आबादी वाले क्षेत्रों में हाथी के आने की सूचना मिलने पर वन विभाग की टीम को भेजा जाता है। DFO कुमार ने बताया कि पूर्णागिरि मेला शुरू होने से पूर्व इस हिस्से की क्षतिग्रस्त सोलर फेंसिंग की मरम्मत कराने के अलावा कई ऐहतियाती कदम उठाए गए थे।

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