टनकपुर अब थाना नहीं…कोतवाली कहिए हुजूर

उत्तराखंड में 58 थानों को उच्चीकृत कर कोतवाली बनाया, कोतवाली की संख्या बढ़कर 112 हुई
चंपावत जिले में 2 के स्थान पर अब 3 कोतवाली
देवभूमि टुडे
चंपावत/देहरादून/टनकपुर। चंपावत जिले के मैदानी क्षेत्र के सबसे महत्वपूर्ण थाने टनकपुर को उच्चीकृत किया गया है। भले ही इसके साइन बोर्ड में वर्षों पहले से कोतवाली दर्ज है, लेकिन टनकपुर थाने को अब विधिवत कोतवाली का दर्जा मिल गया है। अब यहां नियमित रूप से प्रभारी के तौर पर निरीक्षक की तैनाती होगी। मैदान और पहाड़ को जोड़ने वाला टनकपुर सबसे अधिक आबादी और सबसे ज्यादा चुनौती वाला क्षेत्र भी है। साथ ही यह जिले का सबसे पुराना थाना भी है। पुलिस अधीक्षक अजय गणपति ने बताया कि टनकपुर कोतवाली चंपावत जिले की तीसरी कोतवाली होगा इससे पूर्व चंपावत और नेपाल सीमा से लगी पंचेश्वर ही कोतवाली थी। 3 कोतवाली के अलावा जिले में 5 (बनबसा, लोहाघाट, रीठा साहिब, तामली और पाटी) थाने हैं। टनकपुर के अलावा राज्य के उप निरीक्षक स्तर के 57 और थाने अब कोतवाली बन गए हैं। कैबिनेट द्वारा इस संबंध में स्वीकृत प्रस्ताव पर गृह विभाग ने शासनादेश जारी कर दिया है। इस आदेश के बाद अब उत्तराखंड में इंस्पेक्टर स्तर के थानों यानी कोतवाली की संख्या 112 हो जाएगी।
प्रदेश में BNS (भारत न्याय संहिता) में दी गई व्यवस्था के अनुसार अहम घटनाओं की जांच निरीक्षक स्तर से होनी है। राज्य में अभी तक निरीक्षक स्तर के 54 थाने (कोतवाली) हैं। वहीं उप निरीक्षक स्तर के थानों की संख्या 112 हैं।
न्याय संहिता को लागू करने के लिए उप निरीक्षक स्तर के थानों को निरीक्षक स्तर के थाने सृजित करने की जरूरत महसूस की गई। इस पर गृह विभाग ने 58 थानों का चिह्नीकरण करते हुए निरीक्षक स्तर पर उच्चीकृत करने का प्रस्ताव तैयार किया। इस प्रस्ताव को कैबिनेट ने कुछ दिन पा स्वीकृति प्रदान की थी। अब इसका आदेश जारी कर दिया गया है। अब प्रदेश में 112 कोतवाली और 54 थाने हो गए हैं। इन जिलों में हुआ थानों का उच्चीकरण:
चंपावत:टनकपुर।
देहरादून: नेहरू कालोनी, रायपुर, राजपुर, रायवाला, सहसपुर, कालसी, प्रेमनगर, चकराता।
हरिद्वार:श्यामपुर, कनखल, पथरी, बहादराबाद, भगवानपुर, झबरेड़ा, खानपुर, कलियर, सिडकुल।
उत्तरकाशी: उत्तरकाशी कोतवाली, धरासू, बड़कोट, हर्षिल।
टिहरी: चंबा, नरेंद्रनगर, देवप्रयाग, घनसाली, कैंपटी।
चमोली: गोपेश्वर, गोविंदघाट, गैरसैंण।
रुद्रप्रयाग: ऊखीमठ, गुप्तकाशी, अगस्त्यमुनि।
पौड़ी : श्रीनगर, लक्ष्मण झूला।
नैनीताल : काठगोदाम, कालाढूंगी, तल्लीताल, भीमताल, मुक्तेश्वर, मुखानी, वनभूलपुरा।
ऊधमसिंह नगर: कुंदा, गदरपुर, पंतनगर, नानकमत्ता, ट्रांजिट कैंप, ITI
अल्मोड़ा: द्वाराहाट, सोमेश्वर, चौखुटिया, महिला थाना।
बागेश्वर: बैजनाथ, कौसानी।
पिथौरागढ़: बेरीनाग, झूलाघाट, मुनस्यारी, गंगोलीहाट।

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