शिक्षकविहीन हुआ भूगोल विभाग, 12 जुलाई से आंदोलन कर रहे छात्रों की मांग पूरी होने और आश्वासन के बाद छात्रों ने तोड़ा अनशन, मुख्यमंत्री का आभार जताते हुए मिठाई बांटी
देवभूमि टुडे
चंपावत/टनकपुर। टनकपुर राजकीय डिग्री काँलेज की एक छात्रा से दुर्व्यवहार करने के आरोपी भूगोल के सहायक प्रोफेसर एमएस चौहान को काशीपुर अटैच कर दिया गया है। उच्च शिक्षा निदेशक ने 26 जुलाई को संबद्धीकरण करने का आदेश जारी किया। इसके अलावा कुछ अन्य मांगों को लेकर आश्वासन दिया गया है। इन मांगों को लेकर 12 जुलाई से आंदोलन कर रहे ABVP (अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद) नेता बीते 4 दिन से भूख हड़ताल पर थे। एक मांग पूरी होने और कुछ अन्य मांगों को लेकर आश्वासन मिलने के बाद छात्रों का आंदोलन 27 जुलाई को खत्म हो गया। मांग पूरी होने पर कार्यकर्ताओं ने आतिशबाजी कर मिठाई बांटी।
आंदोलनकारी छात्र अभद्रता के आरोपी शिक्षक के स्थानांतरण, महाविद्यालय में सीट बढ़ाने सहित अन्य मांगों को लेकर आंदोलनरत थे। शनिवार को एक मांग पूरी होने और शेष मांगों पर आश्वासन मिलने के बाद छात्र मनीष सिंह बिष्ट, समीर सिंह नायक और सौरभ पांडे ने अनशन समाप्त किया। शनिवार को मुख्यमंत्री कैंप कार्यालय टनकपुर ने एक सप्ताह के भीतर सीट बढ़ाने के लिए कार्रवाई होने का आश्वासन दिया। जिसके बाद कार्यकर्ताओं ने अनशन समाप्त कर दिया। इस दौरान परिषद कार्यकर्ताओ ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का आभार जताते हुए आतिशबाजी कर मिष्ठान वितरित किया। इस मौके पर भाजपा अनुसूचित मोर्चा के कुमाऊं संयोजक नरेश सकारी, जिला पंचायत सदस्य किरन देवी, मुख्यमंत्री कैंप कार्यालय के प्रतिनिधि राजपाल चौहान, मयंक पंत, सनी यादव, पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष राजेंद्र सिंह, सूरज कुमार आर्या, हर्षित शर्मा, सुमित बोहरा, छात्रसंघ सचिव नेहा महर, भौमिक बोहरा, नितिन मंगला, एबीवीपी के प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य रजत त्रिपाठी, सुमित बोहरा, प्रियंका महर, विक्रम भंडारी, तुषार अग्रवाल, मानसी, भावना, हिमानी, रोशनी सहित कई छात्र-छात्राएं मौजूद थे।
संबद्धीकरण के बाद भूगोल विषय पढ़ाने के लिए एक भी शिक्षक नहीं है। अटैच शिक्षक का वेतन टनकपुर काँलेज से निकलेगा, लेकिन वे सेवा काशीपुर देंगे। ऐसे में अभद्रता के आरोपी शिक्षक का स्थानांतरण काँलेज हित में बेहतर विकल्प था। भूगोल के अलावा अंग्रेजी, अर्थशास्त्र और भौतिक विज्ञान में भी फिलहाल काँलेज में शिक्षक नहीं है। इसका सीधा नुकसान छात्र-छात्राओं को भुगतना होगा।