10 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण का कानून बनाने के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का आभार जताया
गैरसैण में बने स्थाई राजधानी बने, वंचित आंदोलनकारियों को राज्य आंदोलनकारी का दर्जा देने का प्रस्ताव पारित
देवभूमि टुडे
चंपावत। उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारियों ने राज्य निर्माण की लड़ाई लडऩे वाले लोगों को उत्तराखंड राज्य सेनानी का दर्जा दिए जाने की मांग की। 25 अगस्त को विधायक प्रतिनिधि प्रकाश तिवारी के तिवारी होटल में हुई राज्य आंदोलनकारियों की बैठक में ये मांग की गई। बैठक में राज्य आंदोलनकारियों और उनके आश्रितों को 10 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण का कानून बनाने के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का आभार जताया गया। तय किया गया कि डीएम के माध्यम से ज्ञापन भेज राज्य आंदोलनकारी मुख्यमंत्री को धन्यवाद ज्ञापित करेंगे।
आंदोलनकारियों ने उत्तराखंड की स्थाई राजधानी पर्वतीय क्षेत्र गैरसैण में बनाने की मांग की। इसके अलावा सलाहकार समिति की सिफारिश पर वंचित आंदोलनकारियों को राज्य आंदोलनकारी का दर्जा दिए जाने का प्रस्ताव भी पास किया गया। इसके अलावा पर्वतीय क्षेत्रों में सुविधाओं के विस्तार, छोटी प्रशासनिक इकाइयों की स्थापना, राज्य अतिथिगृह में राज्य आंदोलनकारियों में रियायती दर पर रहने की सुविधा, आरक्षित आंदोलनकारयों को पहचान पत्र निर्गत करने आदि के भी सुझाव दिए गए। बैठक के अंत में राज्य आंदोलनकारी दीपक तड़ागी लारा की असामयिक मौत पर शोक जताया गया।
बसंत सिंह तड़ागी की अध्यक्षता और राज्य आंदोलनकारी एडवोकेट नवीन चंद्र मुरारी के संचालन में हुई बैठक में चंपावत के पूर्व ब्लॉक प्रमुख बहादुर सिंह फर्त्याल, भाजपा प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य एडवोकेट शंकर दत्त पांडेय, जगदीश चंद्र जोशी, श्याम नारायण पांडेय, प्रकाश चंद्र तिवारी, हरगोविंद सिंह बोहरा, मंदीप सिंह ढेक, बृजेश सिंह महरा, डीके पांडेय, खीम सिंह बिष्ट, कृष्ण सिंह सौन, नारायण सिंह, ललित गोस्वामी, खीमानंद पांडेय आदि मौजूद थे।