
नशा हटाओ जीवन बचाओ अभियान के अंतर्गत जागरुकता कार्यक्रम
चंपावत में स्लोगनों और पोस्टरों से नन्हीं लाडली को न्याय देने तथा बेटियों को शोषण मुक्त करने का संदेश भी दिया
देवभूमि टुडे
चंपावत। नशा हटाओ जीवन बचाओ अभियान के संयोजक सिप्टी GIC के प्रवक्ता सामश्रवा आर्य ने कहा कि आज हम अधिकांश जाह धार्मिक परंपराओं के दायित्वों को औपचारिक रूप से निभा रहे हैं, लेकिन व्यावहारिक दायित्वों को भूलते जा रहे हैं। कहा कि बेटियों के साथ सदाचार-शिष्टाचार व सम्मान का व्यवहार नवरात्रों के साथ ही आजीवन भी करें। यही सही मायने में कन्या पूजन परंपरा का मूल संदेश है। नहीं तो इस कुचक्र के चलते आने वाले समय में अपने परिवार में ही बेटियों की सुरक्षा पर प्रश्न चिह्न
लग जाएगा।
‘लाडली बिटिया का न हो शोषण, यही कन्या का है पूजन’ विषय पर चंपावत के ज्ञानीसेरान में कन्या पूजन पर बेटियों ने स्लोगनों और पोस्टरों से नन्हीं लाडली को न्याय देने तथा बेटी को शोषण मुक्त करने का संदेश भी दिया। शिक्षक जीवन सिंह अधिकारी व विपिन अधिकारी के नेतृत्व में चले जागरूकता अभियान में शिक्षक आर्य ने कहा कि नवरात्र महानवमी पर देवी स्वरूपा कन्याओं का पूजन कर परिवार व समाज के स्वस्थ जीवन की कामना की जाती है, लेकिन आज समाज के ही कुछ निर्दयी, निष्ठुर व निर्लज्ज असामाजिक तत्व नशे के वशीभूत होकर लाडली बेटियों का शोषण कर डालते हैं। जिससे मासूम बेटियों, महिलाओं तथा उनके परिवारों में असुरक्षा को लेकर नितांत भय व्याप्त हो जाता है। यही नहीं लाडली बेटियों के प्रति इन बढ़तीं अमानवीयताओं के कारण बेटी का पारिवारिक व सामाजिक जीवन चुनौतीपूर्ण होता जा रहा है। कार्यकम में क्यारा, लक्षिता, इतिशा, भविष्या, रेणुका, सिमर, संस्कृति, गुंजन, सपना, ममता, शिक्षा, ललिता देवी, पुष्पा देवी, एकता आदि मौजूद थे।



