आसमानी आफत…बिजली गिरने से दो युवकों की मौत

पिथौरागढ़ जिले के उच्च हिमालयी क्षेत्र में कीड़ा जड़ी निकालने गए थे, बिजली गिरने से 80 से अधिक भेड़ बकरियों की भी मौत

देवभूमि टुडे

पिथौरागढ़। कीड़ाजड़ी निकालने पिथौरागढ़ के छिपला केदार गए दो युवकों की आकाशीय बिजली गिरने से मौत हो गई। दुर्गम क्षेत्र होने के कारण युवकों का अंतिम संस्कार वहीं कर दिया गया। इस वारदात से मृतकों के परिजन गहरे सदमे में हैं।
धारचूला तहसील क्षेत्र के गर्गुवा ग्राम पंचायत के सौप तोक निवासी पंकज सिंह (28) पुत्र त्रिलोक सिंह और जितेंद्र सिंह कुंवर (32) पुत्र दौलत सिंह कुंवर लगभग 15 दिन पूर्व अन्य ग्रामीणों के साथ कीड़ाजड़ी निकालने छिपला केदार गए। तीन दिन पहले खराब मौसम के दौरान कीड़ाजड़ी निकालते समय बिजली गिरने से दोनों युवकों की मौत हो गई।
वहां कोई संचार नेटवर्क काम नहीं करने पर साथ में मौजूद कुछ ग्रामीणों ने धारचूला पहुंचकर परिजनों को हादसे की सूचना दी। इसके बाद दोनों युवकों के परिजन छिपला केदार क्षेत्र स्थित बुग्यालों में पहुंचे। बुग्यालों तक पहुंचने के लिए बेहद खतरनाक चट्टानी मार्ग से गुजरना पड़ता है। ऐसे में वहां से शवों को नीचे लाना मुमकिन नहीं था। इस पर दोनों युवकों का उसी क्षेत्र में अंतिम संस्कार कर दिया गया। युवकों के साथ हुए इस हादसे से परिजन गहरे सदमे में हैं और गर्गुवा क्षेत्र में शोक व्याप्त है।

मुनस्यारी विकासखंड के सुथरी क्षेत्र में बिजली गिरने से ग्रामीणों की 80 से अधिक भेड़-बकरियां मर गई हैं। इन दिनों होकरा, गौला और खोयम के ग्रामीण भेड़-बकरियां चराने बुग्यालों में गए हैं। रविवार को मूसलाधार बारिश के दौरान बिजली गिरने से गंगा सिंह, किशन सिंह, मान सिंह, जसम सिंह और जगदीश सिंह की 80 से अधिक भेड़-बकरियों की मौत हो गई। कई भेड़ें लापता भी हैं। मामले की जानकारी देने के बाद डीएम रीना जोशी ने
पशुपालन विभाग को मौके पर पहुंचने के निर्देश दिए।

बचाव हेतु क्या करें एवं क्या न करेंः
क्या करें
यदि आप खुले में हो तो शीघ्रातिशीघ्र किसी पक्के मकान में शरण लें।
सफर के दौरान अपने वाहन में ही बने रहे
समूह में न खड़े हो, बल्कि अलग-अलग खड़े रहे।
यदि आप जंगल में हो तो बीने एवं घने पेड़ों के शरण में चले जायें।
धातु से बने कृषि यंत्र-डंडा आदि से अपने को दूर कर दें।
आसमानी बिजली के झटका से घायल होने पर पीडित व्यक्ति को तत्काल नजदीकी प्राथमिक चिकित्सा केन्द्र ले जाने की व्यवस्था की जानी चाहिए।
स्थानीय रेडियो अन्य संचार साधनों से मौसम की जानकारी प्राप्त करते रहे।
यदि आप खेत खलिहान में काम कर रहे हों और किसी सुरक्षित स्थान की शरण न ले पायें हो
तो:-

  • जहां है वहीं रहे, हो सके तो पैरों के नीचे सूसी बीजें जैसे लकड़ी, प्लास्टिक, बोरा या सूखे पत्ते रख लें।
  • दोनों पैरों को आपस में सटा लें, दोनों हाथों की घुटनों पर रख कर अपने सिर को जमीन के तरफ यथा संभब झुका लें तथा सिर को जमीन से न सटने दें।
    जमीन पर कदापि न लेटें।
    क्या न करें
    ✓ खिड़कियाँ, दरवाजे, बरामदे के समीप तथा छत पर न जायें।
    तालाब और जलाशय के समीप न जायें।
    बिजली के उपकरण या तार के साथ संपर्क से बचे व बिजली के उपकरणों को बिजली के संपर्क से हटा दें।
    ✓ ऐसी वस्तुएँ, जो बिजली की सुचालक हैं. उनसे दूर रहे।
    ✓ बाहर रहने पर धातु से बनी वस्तुओं का उपयोग न करें। बाङ्‌क, बिजली या टेलीफोन का खंभा, तार की बाढ़, मशीन आदि से दूर रहे।
    ऊँचे इमारत (गकान) वाले क्षेत्रों में शरण नहीं लें।
    ✓ साथ ही बिजली एवं टेलीफोन के खंभों के नीचे कदापि शरण नहीं ले, क्योंकि उँचे वृक्ष, उँबी इमारतें एवं टेलीफोन/बिजली के खंमें आसमानी बिजली को अपनी ओर आकर्षित करते हैं।
    ✓ पैदल जा रहे हों तो धातु की डंडी वाले छातों का उपयोग न करें।
    ✓ यदि घर में हों तो पानी का नल, फ्रिज, टेलीफोन आदि को न धूएँ।
प्रतीकात्मक फोटो।
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