ROAD…डोली…और बीमार

बीमार को फिर कंधों का सहारा, इस बार बुंगा तोक का मामला, ग्रामीणों ने रोड पर डामर के लिए प्रदर्शन भी किया
लोहाघाट के रायकोटकुंवर गांव के बुंगा तोक में रोड है लेकिन इस हाल में नहीं कि एंबुलेंस चल सके
देवभूमि टुडे
चंपावत/लोहाघाट। रोडविहीन गांव, डोली और बीमार…लगता है ये तस्वीर चंपावत जिले में अब आम हो गई है। बस स्थान, तारीख और बीमार बदल रहे हैं। खबर लोहाघाट के रायकोटकुंवर के बुंगा तोक से है। यहां सड़क तो है, लेकिन इस लायक नहीं कि कोई एंबुलेंस या दूसरा कोई वाहन उस रोड पर चल सके। लिहाजा बीमार को लाने के लिए फिर वही डोली। इसी डोली से बीमार को अस्पताल पहुंचाया गया। बाद में नाराज ग्रामीणों ने रोड की मांग को लेकर प्रदर्शन भी किया।
17 सितंबर को गांव के विक्रम सिंह (82) की एकाएक तबीयत बिगड़ी। गांव में सड़क तो थी, लेकिन इस हाल में नहीं कि उससे वाहन गुजर सके। सड़क की हालत खराब होने से उन्हें डोली के सहारे 3 किमी मुख्य सड़क तक पहुंचाया गया। जहां से वाहन के जरिए लोहाघाट अस्पताल में भर्ती किया गया।
ग्रामीण विजय सिंह बिष्ट व सुरेश सिंह बिष्ट के मुताबिक कुछ वर्ष पूर्व लोहाघाट के बुंगा बनस्वाड़ तोक से रायकोट कुंवर तक 3 किलोमीटर रोड विधायक निधि से काटी गई थी। समय के साथ रोड की हालत बदतर होती चली गई। ग्रामीणों ने आवाज उठाई, लेकिन फिर भी रोड को पक्का करने के आश्वासन के अलावा कुछ नहीं हुआ। ग्रामीणों के मुताबिक इस मानसून में भी बारिश से सड़क तक मलबा आने और जगह-जगह डाले गए पत्थरों के कारण वाहन चल नहीं पा रहे हैं। ग्रामीण संजय सिंह, चंचल सिंह, जीवन सिंह, कैलाश सिंह, साहिल आदि ग्रामीणों ने मानसून बीतने के तुरंत बाद सड़क पर डामरीकरण करने की मांग की है। ऐसा नहीं होने पर आंदोलन की चेतावनी दी गई है।
क्या कहते हैं अधिकारी:
उधर लोक निर्माण विभाग के लोहाघाट खंड के अधिशासी अभियंता हितेश कांडपाल का कहना है कि राइकोट बुंगा सड़क पूर्व में विधायक निधि से काटी गई थी। लेकिन सड़क को लोनिवि को हस्तांतरित करने से संबंधित कोई भी प्रस्ताव अभी तक नहीं मिला है। प्रस्ताव मिलने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।

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