सूखीढांग क्षेत्र के धूरा बयाला में 2 जनवरी की तड़के लाल सिंह के घर घुसा तेंदुआ रात को निकला बाहर
प्रभावित परिवार को 5 हजार रुपये की सहायता के अलावा सुबह-शाम गश्त व सोलर लाइट लगाएगा वन विभाग
तेंदुए के खतरे से बचाव के लिए कारगर कदम उठाने का ग्रामीणों का आग्रह
देवभूमि टुडे
चंपावत। टनकपुर-पिथौरागढ़ राष्ट्रीय राजमार्ग पर सूखीढांग क्षेत्र में धूरा बयाला में लाल सिंह के घर के भीतर घुसे तेंदुए का पिंजरे में फंसने के बजाय जंगल की ओर भागना कारगर कदम था। ये वन विभाग की रणनीति का हिस्सा था। तेंदुआ अगर रात के वक्त पिंजरे में फंसता, तो ज्यादा खतरनाक होता। ऐसा वन विभाग के अधिकारियों का कहना है।
चंपावत के प्रभागीय वनाधिकारी नवीन पंत ने बताया कि बगैर ट्रैंकुलाइज करे पिंजरे में फंसने से तेंदुआ छटपटाता और ये अधिक खतरनाक होता। तेंदुआ पिंजरे को तोड़ने की कोशिश करता, जिससे उसके दांत टूटने और नाखून व पंजे को नुकसान होने का अंदेशा रहता। अंधेरे कमरे के भीतर जिस तरह से तेंदुआ बैठा था, उस हाल में उसे ट्रैंकुलाइज करना मुमकिन नहीं था। डीएफओ ने कहा कि विभाग की रणनीति साफ थी कि दिन के वक्त तेंदुआ खुले में न भागे और रात को पिंजरे में न फंसे। दिन में तेंदुए के खुले में भागने से ग्रामीणों की सुरक्षा खतरे में पड़ सकती थी।
डीएफओ पंत ने बताया कि प्रभावित परिवार को विभाग ने 5 हजार रुपये की सहायता दी है। इसके अलावा सुरक्षा के मद्देनजर सुबह-शाम गश्त होगी। इसके लिए वन क्षेत्राधिकारी गुलजार हुसैन को निर्देश दिए गए हैं। साथ ही लोहाघाट सुंई के अलावा धूरा के इस क्षेत्र में भी कुछ सोलर लाइट लगाई जाएगी।
2 जनवरी तड़के 4 बजे कुत्ते को निवाला बनाने के फेर में एक तेंदुआ धूरा बयाला गांव के लाल सिंह के घर के भीतर घुस गया था। बृहस्पतिवार की रात करीब 8.45 बजे तेंदुआ पिंजरे को लांघते हुए जंगल की ओर भाग गया। लाल सिंह का परिवार और क्षेत्र के लोग इस वाकये से अभी भी दहशत में हैं। उनका कहना है कि तेंदुआ का खौफ इलाके को डरा रहा है। उनकी हिम्मत टूट गई है। सूखीढांग क्षेत्र के रहने वाले स्वतंत्रता संग्राम सेनानी उत्तराधिकारी कल्याण समिति के जिलाध्यक्ष महेश चौड़ाकोटी और अन्य लोगों ने वन विभाग से तेंदुए के खतरे से बचाव के लिए कारगर कदम उठाने का आग्रह किया है।