वन विभाग ने बढ़ाई गश्त, कैमरा ट्रैप से रखी जा रही नजर देवभूमि टुडे
चंपावत/बाराकोट। बाराकोट विकासखंड के रैघांव में गुलदार के हमले में घायल 55 वर्षीय महिला को इलाज के बाद घर भेज दिया गया है। महिला पर गुलदार ने 26 अक्टूबर की रात घर के आंगन में हमला कर घायल कर दिया था। महिला का प्राथमिक इलाज कर उप जिला अस्पताल लोहाघाट में किया गया। जहां से उन्हें जिला अस्पताल भेजा गया। हालत ठीक होने पर महिला को आज 28 अक्टूबर को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है। एक पखवाड़े में चंपावत जिले में गुलदार के हमले की दो घटनाएं हो चुकी हैं। गुलदार के हमलावर होने से लोगों में दहशत बनी हुई है। पहली घटना में गुलदार ने पखवाड़े पूर्व लोहाघाट के राईकोट कुंवर गांव में तीन वर्षीय बच्चे पर हमला कर 200 मीटर दूर तक घसीट लिया। शोर मचाने पर गुलदार बच्चे को छोड़ गया था। दूसरी घटना में बाराकोट के रैघांव में गुलदार ने 55 वर्षीय माधवी देवी पत्नी स्वर्गीय महावीर सिंह पर हमला कर दिया। माधवी देवी गोशाला में पशुओं को चारा डालने गई थी। जहां घात लगाकर बैठे गुलदार ने महिला पर हमला कर दिया। गुलदार का हमला होते ही महिला ने शोर मचा दिया। आसपास के लोग भी बाहर निकल आए और शोर मचाने से गुलदार भाग गया। गुलदार ने महिला के पांव में नाखून और दांत गड़ा दिए। ग्रामीणों ने वन विभाग से पिंजड़ा लगाकर गुलदार के आंतक से निजात दिलाने की मांग की है। काली कुमाऊं के वन क्षेत्राधिकारी राजेश जोशी ने बताया कि महिला के पांव में गुलदार के नाखून लगे हैं। वन विभाग ने महिला को 5 हजार रुपए की आर्थिक सहायता दी है। विभागीय कर्मचारी गश्त कर लोगों को सावधानी बरतने की नसीहत दे रहे हैं। बताया कि गांव में कैमरा ट्रैप लगाए गए हैं।
गुलदार के हमले से दहशत में लोग:
चंपावत। जिले में एक साथ कई गांवों में गुलदार के हमले से लोगों में दहशत है। लोहाघाट के पाटन पाटनी, छमनियां, सुंई, छडख़ोला, बाराकोट के डोबाभागू, नदेड़ा, बर्दाखान, रैंघांव, बिसराड़ी में आए दिन गुलदार दिखने और उसके हमलावर होने से लोग शाम होते ही घरों में दुबकने को मजबूर हैं। राइकोट निवासी गिरीश कुंवर ने बताया कि कुछ दिन पूर्व पिथौरागढ़ राष्ट्रीय राजमार्ग में राइकोट के पास गुलदार ने ट्रक की पीछा किया। राइकोट बुंगा पुल में कई बार गुलदार की चहलकदमी देखी गई है। रेंजर दीप जोशी ने बताया कि राइकोट कुंवर और पाटन पाटनी में दो पिंजड़े और तीन कैमरा ट्रैप लगाए गए हैं। लेकिन गुलदार की चहलकदमी दिखाई नहीं दे रही है।