विशेष सत्र न्यायालय का फैसला
1 लाख रुपया जुर्माना भी, जुर्माना नहीं देने पर 2 साल की अतिरिक्त सजा
मई 2024 में आरोपी के खिलाफ हुआ था मुकदमा, भतीजी ने दिया था शिशु को जन्म
देवभूमि टुडे
चंपावत। विशेष सत्र न्यायालय ने नाबालिग भतीजी से दुष्कर्म के आरोपी सगे चाचा को दोषी पाते हुए 25 साल की कठोर सजा सुनाई है। दोषी पर 1 लाख रुपया जुर्माना भी लगाया गया है। जुर्माना नहीं देने पर 2 साल की अतिरिक्त सजा होगी। आरोपी के खिलाफ इसी वर्ष मई में चंपावत कोतवाली में दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज हुआ था।
मई 2024 में चंपावत की एक महिला ने नाबालिग बेटी से दुष्कर्म करने की तहरीर कोतवाली में दी थी। महिला ने आरोप लगाया था कि उसके सगे देवर ने अपनी सगी भतीजी के साथ दुष्कर्म किया है। जिससे उसकी पुत्री ने शिशु को जन्म दिया है। जिसके बाद नाबालिग के सगे चाचा आरोपी के खिलाफ दुष्कर्म और POCSO का मामला दर्ज किया गया था। दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद विशेष सत्र न्यायाधीश जिला जज अनुज कुमार संगल ने दोषी को 25 साल की कठोर सजा सुनाई। साथ ही 1 लाख रुपया जुर्माना भी लगाया गया। जिला शासकीय अधिवक्ता विद्याधर जोशी और लोक अभियोजक POCSO कुंदन राणा ने बताया कि सुनवाई के दौरान नाबालिग और उसकी मां दोनों पक्षद्रोही हो गए थे। लेकिन FSL रिपोर्ट और DNA परीक्षण में बच्चा आरोपी का पाया गया। जिसके बाद अदालत ने दोषी को सजा सुनाई।