रातभर अंधेरे में पूर्णागिरि धाम…श्रद्धालुओं की फजीहत

अंधड़ से टनकपुर-बनबसा क्षेत्र में भी ठप हुई थी बिजली आपूर्ति, रातभर की कवायद से सुबह 7 बजे बहाल हुई सप्लाई

देवभूमि टुडे

चंपावत/टनकपुर/पूर्णागिरि धाम। बुधवार को आए अंधड़ से मां पूर्णागिरि धाम के मेले की बिजाली व्यवस्था रातभर ठप रही। करीब 12 घंटे तक आपूर्ति बाधित रही। इसके चलते श्रद्धालुओं और आम लोगों को दुश्वारी झेलनी पड़ी। अलबत्ता भैरव मंदिर से मुख्य मंदिर तक मंदिर समिति और व्यापारियों की बदौलत अंधेरे से निजात मिली।

15 जून को सरकारी मेला संपन्न होने के बाद एक सप्ताह तक श्रद्धालुओं के लिए जरूरी व्यवस्थाओं को दिया जाना था, लेकिन 19 जून की शाम आई अंधड़ के बाद बिजली की वैकल्पिक व्यवस्था नहीं थी। मंदिर समिति के अध्यक्ष पंडित किशन तिवारी का कहना है कि इस वजह से श्रद्धालुओं को रात में अंधेरे के बीच ककरालीगेट से भैरव मंदिर तक करीब 18 किलोमीटर तक आवाजाही करनी पड़ी। अंधेरे के अलावा खोयेपाए या श्रद्धालुओं से संबंधित दी जाने वाली जरूरी जानकारी देने के लिए उपयोग में आने वाले ध्वनि विस्तारक सिस्टम की व्यवस्था भी नदारद थी। पूर्णागिरि धाम के अलावा टनकपुर-बनबसा क्षेत्र में भी 19 जून की रात अंधेरे में कटी। भीषण गर्मी के बीच लोगों को कई तरह की दुश्वारी झेलनी पड़ी। अलबत्ता 20 जून की सुबह आपूर्ति सुचारू हो गई।

अंधड़ से टूटे 3 पोल, डेढ़ लाख का नुकसानः EE बेगराज सिंह बुधवार रात से अंधड़ और तेज हवा से जिले के मैदानी क्षेत्र में बिजली की लाइनों को नुकसान पहुंचा। विभागीय टीम के लगातार प्रयास के बावजूद रात में आपूर्ति सुचारू नहीं हो सकी। नेपाल सीमा के करीब गढ़ीगोठ के पास 3 पोल टूट गए। जिससे आपूर्ति प्रभावित रही। ऊर्जा निगम के चंपावत डिवीजन के अधिशासी अभियंता बेगराज सिंह ने बताया कि 19 जून की शाम भारी अंधड़ से कई जगह बिजली लाइनें और पेड़ गिरने से गढ़ीगोठ में तीन खंभे टूट गए। इससे आपूर्ति पर भी असर पड़ा और डेढ़ लाख रुपये से अधिक का नुकसान भी हुआ। विभाग के अधिकारी-कर्मचारी रातभर मरम्मत में जुटे रहे। सुबह 7 बजे आपूर्ति सुचारू हो सकी।

ईई बेगराज सिंह।
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