15 मार्च से शुरू मेला 93 दिनों तक चलेगा, DM ने 10 मार्च तक व्यवस्थाएं पूरी करने के दिए निर्देश
देवभूमि टुडे
चंपावत/टनकपुर। सुप्रसिद्ध मां पूर्णागिरि मेला 15 मार्च से शुरू होकर 15 जून तक चलेगा। तीन माह तक चलने वाले सरकारी मेले की तैयारियां शुरू हो गई हैं। जिलाधिकारी नवनीत पांडे ने टनकपुर के बूम गेस्ट हाउस में विभिन्न विभागों के अधिकारियों की बैठक लेकर 10 मार्च तक मेले की सभी व्यवस्थाएं पूर्ण करने के निर्देश दिए।
उन्होंने मेले की सुरक्षा के अलावा सड़क एवं पैदल मार्ग सुधारीकरण, विद्युत, पेयजल, स्वास्थ्य, पार्किंग, आवास, संचार आदि सेवाओं पर चर्चा की और अभी से सेवाएं दुरुस्त करने के निर्देश दिए। कहा कि पूर्णागिरि मेला उत्तर भारत का प्रसिद्ध मेला है, जिसमें लाखों श्रद्धालु मां पूर्णागिरि के दर्शन करने आते हैं। उन्होंने कहा कि यहां आने वाले प्रत्येक श्रद्धालु को बेहतर सुविधा देना प्रशासन का दायित्व है। संबंधित विभाग अभी से तैयारी प्रारंभ कर 10 मार्च तक उन्हें पूर्ण कर लें। बैठक में टनकपुर के एसडीएम को मेला मजिस्ट्रेट तथा जिला पंचायत के अपर मुख्य अधिकारी को मेला अधिकारी नियुक्त किया गया। इस बार दो सहायक मेला अधिकारी भी मेले की व्यवस्थाओं को संपन्न कराए जाने के लिए तैनात किया गया है। सीएमओ डाँ. देवेश चौहान ने बताया कि मेला क्षेत्र में स्वास्थ्य विभाग की दो एंबुलेंस सेवा 24 घंटे उपलब्ध रहेगी। दो आपातकालीन वाहन हंस फाउंडेशन के सहयोग से तैनात किए जाएंगे। स्वास्थ्य सुविधा के लिए तीन चिकित्सा कैंप भैरव मंदिर, टुन्यास एवं काली मंदिर में स्थापित होंगे। जिनमें चिकित्सक व मेडिकल टीम भी रहेगी। सुरक्षा के मद्देनजर क्षेत्र में पर्याप्त संख्या में सीसीटीवी लगाए जाएंगे। विभिन्न स्थानों में पुलिस फोर्स तैनात रहेगी।
ठूलीगाड़ से आगे जाने वाले वाहनों को भी देना होगा पार्किंग शुल्कः
पूर्णागिरि में श्रद्धालुओं को बेहतर सुविधा दिए जाने के लिए चार पहिया और दोपहिया वाहनों को ठूलीगाड़ से आगे जाने की अनुमति होगी। पहली बार वाहनों के ठूलीगाड़ से आने जाने पर 100 रुपये की पर्ची अलग से काटी जाएगी। ठूलीगाड़ में चौपहिया वाहनों से 100 रुपये जबकि दोपहिया वाहनों से 60 रुपये शुल्क लिया जाएगा। बूम में बस पार्किंग का किराया 150 रुपये होगा। इस बार मुंडन शुल्क में कमी करते हुए 101 रुपये किया गया है। ठुलीगाड़ से भैरव मंदिर तक 75 टैक्सियों का संचालन इस बार सटल सेवा के जरिए होगा। जिलाधिकारी ने कहा कि वाहनों की उचित पार्किंग के साथ ठेकेदार के कर्मचारियों को ड्रेसकोड में रहना होगा। श्रद्धालुओं के साथ अनुचित व्यवहार करने पर कार्रवाई की जाएगी।
काली मंदिर से मुख्य मंदिर के बीच लगेंगे प्याऊ
श्रद्धालुओं को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराए जाने हेतु मेला क्षेत्र में 17 प्याऊ तथा 44 पेयजल स्टैंडपोस्ट लगाए जाएंगे। काली मंदिर से मुख्य मंदिर के बीच जल संस्थान श्रद्धालुओं को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराएगा। जिसके लिए प्याऊ लगाएं जाएंगे। डीएम ने जल संस्थान को सभी व्यवस्थाएं करने के निर्देश दिए।
दुकानों में रखे जाएंगे अग्निशमन उपकरण
संपूर्ण मेला क्षेत्र में अग्निशमन की व्यवस्था होगी। पुलिस अग्निशमन वाहन के अतिरिक्त प्रत्येक दुकान में अग्नि नियंत्रण संयंत्र रखना जरूरी होगा। भंडारे वाले स्थानों को चिह्नित कर मेला मजिस्ट्रेट उन्हें भंडारे की अनुमति प्रदान करेंगे। 800 आँक्सीजन सिलिंडर भी रखे जाएंगे। जिलाधिकारी ने चरण मंदिर में दो सोलर लाइट लगाने और मेला क्षेत्र में खराब पड़ी सोलर लाइट ठीक करने के निर्देश उरेडा विभाग को दिए।
ये रहे बैठक में मौजूद
पुलिस अधीक्षक अजय गणपति, एसडीएम आकाश जोशी, सीएमओ डाँ. देवेश चौहान, सीओ शिवराज सिंह राणा, अपर मुख्य अधिकारी जिला पंचायत तेज सिंह, अधिशासी अभियंता लोनिवि मोहन चंद्र पलड़िया, जल संस्थान के ईई विलाल यूनुस, पीआईयू के ईई आदर्श गोपाल, पूर्णागिरि मंदिर समिति के अध्यक्ष किशन तिवारी, उपाध्यक्ष नीरज पांडेय, पूर्व अध्यक्ष भुवन पांडेय, पंडित मोहन पांडेय सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।