
चंपावत से 10 किलोमीटर की दूरी लेकिन सड़क की कमी से जूझ रहा कलजाख गांव
5 किलोमीटर पैदल सड़क तक पहुंचाने के बाद वाहन से अस्पताल पहुंचाया
सड़क निर्माण की चल रही प्रक्रिया, पत्रावली मुख्य अभियंता कार्यालय भेजी गई: ईई पलड़िया
देवभूमि टुडे
चंपावत। जिला मुख्यालय से फासला बमुश्किल 10 किलोमीटर से भी कम, लेकिन गांव तक रोड नहीं। और सड़क की यही कमी ग्रामीणों की जिंदगी को मुश्किल बना रही है। ऐसा ही एक वाकया आज 8 सितंबर को सामने आया। एक गर्भवती महिला को डोली के सहारे रोड हेड तक लाना पड़ा और फिर जीप से अस्पताल पहुंचाया गया।
कलजाख निवासी भावना जोशी (21) पत्नी जगदीश चंद्र को आज 8 सितंबर को एकाएक पेट दर्द होने लगा। गांव में किसी प्रकार की स्वास्थ्य सुविधा नहीं होने के कारण ग्रामीणों ने फौरन कुर्सी में डंडे बांधकर गर्भवती महिला को करीब 5 किलोमीटर ऊबड़-खाबड़ रास्ते से मुख्य सड़क तक पहुंचाया। सड़क तक पहुंचने में डेढ़ घंटे से अधिक का वक्त लगा। फिर वहां से महिला को एक वाहन के जरिए चंपावत अस्पताल भर्ती कराया गया। जहां उसका इलाज चल रहा है।
ग्रामीणों का कहना है कि सड़क नहीं होने से लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। सामाजिक कार्यकर्ता गिरीश जोशी ने बताया कि कलजाख गांव से आए दिन इसी प्रकार गर्भवती महिलाओं व बीमारों को डोली के सहारे पांच किमी दूर सड़क तक पहुंचाया जाता है। सड़क बनने से आसपास की कई ग्राम पंचायतों की 2 हजार से अधिक की आबादी को लाभ मिलेगा, लेकिन मुख्यमंत्री घोषणा होने के बाद भी सड़क नहीं बनने से इन लोगों को सड़क सुविधा का लाभ नहीं मिल पा रहा है। वहीं महिला को अस्पताल में भर्ती कराने के बाद ग्रामीणों ने डीएम को ज्ञापन सौंपकर जल्द सड़क सुविधा उपलब्ध कराने की मांग की। इस दौरान ग्राम प्रधान पार्वती जोशी, गिरीश जोशी, मोहन चंद्र, धर्मानंद, बलदेव, भुवन जोशी, दिनेश जोशी, नारायण दत्त सहित अन्य लोग मौजूद थे।
इधर लोक निर्माण विभाग के चंपावत खंड के अधिशासी अभियंता मोहन चंद्र पलड़िया का कहना है कि 5 किलोमीटर की रोड मंजूर है। इसके लिए 169 लाख रुपये का आगणन रखा गया है। सड़क को अनुमोदन के लिए पत्रावली मुख्य अभियंता कार्यालय भेजी गई है। सीई कार्यालय से स्वीकृत होकर पत्रावली शासन को जाएगी।

