देवभूमि को चाहिए देवकृपा…NH के अवरोध को दूर करने के लिए पूजा हुई, मंदिर की आधारशिला भी रखी

टनकपुर-पिथौरागढ़ राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्वांला बन रहा danger zone
इंजीनियर्स और विशेषज्ञों के दौरे के बाद की गई है यह पहल
स्वांला के 106.300 किलोमीटर के हिस्से में आए मलबे और अन्य अवरोध से 12 से 29 सितंबर तक आवाजाही में आई अड़चन
2 अक्तूबर से 10 अक्तूबर तक भी इस हिस्से में सिर्फ 6 घंटे हो रही वाहनों की आवाजाही
देवभूमि टुडे
चंपावत। ये तकरीबन एक हजार करोड़ रुपये की लागत से टनकपुर से पिथौरागढ़ तक की 150 किलोमीटर की ऑल वेदर रोड है। इस सड़क के बनने से आवाजाही सुगम हुई, इस फासले को तय करने में समय भी कम लग रहा है और कारोबार से लेकर पर्यटन गतिविधियां भी बढ़ रही है। लेकिन इस बार की मूसलाधार बारिश में टनकपुर-पिथौरागढ़ राष्ट्रीय राजमार्ग के स्वांला (चंपावत से करीब 20 किलोमीटर) के 125 मीटर हिस्से में सड़क सिरदर्द बन गई। डेंजर प्वाइंट बन गई इस सड़क में 12 सितंबर से 29 सितंबर तक आवाजाही अक्सर बाधित रही। एक कैंटर भी खाई में लुढ़क गया। वाहनों का आवागमन 30 सितंबर से शुरू तो हुआ, लेकिन वह भी महज दिन में 6 घंटे के लिए। ऐसा सड़क को दुरुस्त करने के मकसद से किया जा रहा है। प्रशासन की ओर से व्यवस्था 10 अक्तूबर तक के लिए की गई है।
वहीं अब सड़क की राह की बाधा को दूर करने के लिए ईश्वरीय आसरा भी लिया जा रहा है। आज 3 अक्तूबर को शारदीय नवरात्र के पहले दिन स्वांला के डेंजर जोन के पास देव पूजन किया गया। बृहस्पतिवार सुबह साढ़े सात बजे स्वांला, मझेड़ा, बस्टिया के ग्रामीणों के साथ मिलकर नूनदुधारी बाबा, मां भगवती, एड़ी ब्यानधुरा देवता, पंच पलिया, कैलबकरिया गजार बाबा का हवन, यज्ञ पूजन किया गया। देव डांगरों ने सड़क बेहतर करने के साथ अबाध रूप से सुरक्षित आवाजाही का काम सिद्ध होने का आशीर्वाद दिया। इंजीनियर राकेश पाठक ने बताया कि इसी डेंजर जोन के नजदीक चौड़ी जगह पर एक मंदिर भी बनेगा। इस मंदिर की आधारशिला भी आज बृहस्पतिवार को रख दी गई है। मंदिर का निर्माण 15 दिनों में पूरा करा लिया जाएगा।

error: Content is protected !!