टनकपुर ककरालीगेट में हुई दुर्घटना के एक दिन बाद कायदे-कानूनों को ताक पर रखने वाले 20 वाहन चालकों के खिलाफ हुई कार्रवाई
21 मई को ओवरलोड जीप और बस में हुई थी टक्कर
देवभूमि टुडे
चंपावत। क्षमता से तकरीबन दोगुने (10 की क्षमता वाली जीप में 19 सवारी) श्रद्धालु पूर्णागिरि धाम में आम है। 21 मई को एक ओवरलोडिंग जीप के हादसे के बाद पुलिस और प्रशासनिक अमला फिर से हरकत में आया। मुस्तैदी बढ़ी और फिर शुरू हुई चेकिंग की औपचारिकता। एक दिन बाद यानी 22 मई को पुलिस ने ही एक जीप को सीज करने के अलावा 20 वाहन चालकों के खिलाफ कार्रवाई की है। लेकिन लोग सवाल पूछ रहे हैं कि ये कार्रवाई क्या जारी रहेगी या चंद दिनों बाद इस पर ब्रेक लग जाएगा?
21 मई को टनकपुर-पिथौरागढ़ राष्ट्रीय राजमार्ग पर ककरालीगेट के पास ओवरलोडेड जीप और बस के टकराने से कुछ श्रद्धालु जख्मी हो गए थे। गनीमत यह रही कि किसी की जान नहीं गई। लेकिन हादसे ने टनकपुर थाने की यातायात व्यवस्था पर निगरानी और नियंत्रण की पोल खोल दी। ओवरलोडिंग, ओवरस्पीड, नशे में वाहन चलाने वालों पर लगाम लगाने के लिए कोई खास उपाय कहीं नजर नहीं आए। मंगलवार को जिस जगह पर हादसा हुआ, वहां से थाने की दूरी बमुश्किल एक किलोमीटर थी। ककरालीगेट में एनएच के हिस्से और पूर्णागिरि मार्ग दोनों स्थानों पर पुलिस कर्मियों की तैनाती रहती है, लेकिन किसी को न ओवरलोडिंग वाहन दिखते हैं और न बेतहाशा बेकाबू वाहन।
बहरहाल ओवरलोडिंग के एक दिन बाद पुलिस मुस्तैद हुई है। वाहनों की चेकिंग को बाकायदा अभियान चला। पुलिस मीडिया ग्रुप से मिली जानकारी के मुताबिक तेज गति, ओवरलोडिंग सहित यातायात नियमों का उल्लंघन करने वाले वाहनों पर ठुलीगाड़ और भैरव मंदिर सड़क क्षेत्र पर थानाध्यक्ष हरीश प्रसाद और हेमंत सिंह कठैत के नेतृत्व में पुलिस ने अभियान चलाया। 95 वाहनों की चेकिंग की गई। 20 वाहनों चालकों के खिलाफ चालानी कार्रवाई की गई। जबकि एक वाहन को सीज किया गया। वहीं एसपी अजय गणपति ने मातहतों को मेला क्षेत्र में यातायात व्यवस्था के अनुपालन के साथ ही श्रद्धालुओं की सुरक्षा नी तवज्जो देने की हिदायत दी है।