‘मार्च 2010 से पूर्व विवाहित कार्मिक UCC पोर्टल में विवाह पंजीकरण से मुक्त हो’

शिक्षक और कर्मचारी संगठनों के प्रतिनिधिमंडल ने डीएम को भेजा ज्ञापन
26 मार्च 2010 से पूर्व विवाहित शिक्षक-कर्मियों का विवाह पंजीकरण नहीं सिर्फ एक्नाँलेजमेंट किया जा रहा: डीएम
देवभूमि टुडे
चंपावत। चंपावत के कर्मचारी और शिक्षक संगठनों के प्रतिनिधियों ने UCC (समान नागरिक संहिता) पोर्टल में 26 मार्च 2010 से पूर्व विवाहित शिक्षक और कार्मिकों को विवाह पंजीकरण से मुक्त रखने की मांग की है। इस संबंध में 28 अप्रैल को जिला प्रशासन को ज्ञापन दिया गया है। कहा कि यूसीसी में निर्धारित तिथि से पूर्व विवाहित चंपावत जिले के शिक्षक और कर्मियों को भी उत्तराखंड के अन्य जिलों की तरह पंजीकरण से मुक्त रखने की मांग की गई है।
कर्मियों ने कहा कि यूसीसी के अंतर्गत 26 मार्च 2010 के बाद विवाहित शिक्षक-कार्मिकों के विवाह पंजीकरण किया जाना है, लेकिन अधिनियम में दी गई व्यवस्था के अतिरिक्त अन्य शिक्षक-कार्मिकों को पंजीकरण के लिए बाध्य किए जाने के कारण कतिपय समस्याएं उत्पन्न हो रही है। इससे शिक्षक-कार्मिकों को बेवजह परेशानी हो रही है। लिहाजा 26 मार्च 2010 से पूर्व विवाहित कर्मी-शिक्षकों को पंजीकरण से मुक्त किया जाए।
ज्ञापन में पर्वतीय कर्मचारी शिक्षक संगठन के अध्यक्ष नगेंद्र कुमार जोशी, फैडरेशन मिनिस्ट्रीयल सर्विसेज एसोसिएशन के जिला मंत्री जीवन चंद्र ओली, राजकीय शिक्षक संगठन के जिलाध्यक्ष जगदीश सिंह अधिकारी, जिला मंत्री इंदुवर जोशी, राजकीय जूनियर हाईस्कूल शिक्षक संगठन के जिलाध्यक्ष रमेश सिंह देव, फैडरेशन मिनिस्ट्रीयल सर्विसेज एसोसिएशन के अध्यक्ष विनोद कुमार, राजकीय प्राथमिक शिक्षक संगठन के ब्लॉक अध्यक्ष कवींद्र सिंह तड़ागी के हस्ताक्षर हैं। उधर डीएम नवनीत पांडे का कहना है कि 26 मार्च 2010 से पूर्व विवाहित शिक्षक-कर्मियों को पंजीकरण नहीं कराना है, बल्कि UCC में विवाह का सिर्फ एक्नाँलेजमेंट किया जा रहा है। अगर कर्मचारी-शिक्षक संगठन को पंजीकरण को लेकर कोई गलतफहमी होगी, तो उसे दूर किया जाएगा।

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