जल संस्थान, जल निगम और UPCL के EE के समक्ष उठाई समस्या, एक सप्ताह से क्वैराला पपिंग योजना से नहीं मिल रहा पर्याप्त पानी, व्यवस्था न सुधरने पर दी आंदोलन की चेतावनी देवभूमि टुडे
चंपावत। चंपावत के नगरीय और आसपास के क्षेत्रों में लोग पानी के संकट से जूझ रहे हैं। पेयजल किल्लत को लेकर लोगों में गुस्सा है। 6 जून को स्थानीय लोगों ने जल संस्थान, जल निगम और ऊर्जा निगम के अधिशासी अभियंताओं से मुलाकात की। शीघ्र व्यवस्था में सुधार नहीं होने पर आंदोलन की चेतावनी दी। यहां क्वैराला पंपिंग योजना सुचारू नहीं होने से पानी की किल्लत हो रही है। चंपावत नगरीय क्षेत्र में रोज 23.60 लाख लीटर पानी की जरूरत है, लेकिन इस वक्त 45% पानी भी नहीं मिल पा रहा है। इसके चलते लोगों ने जल संस्थान के ईई विलाल युनूस, जल निगम के वीके पाल और ऊर्जा निगम के ईई बेगराज सिंह से मुलाकात की। चंपावत संघर्ष समिति के अध्यक्ष बसंत तड़ागी और व्यापार संघ के पूर्व अध्यक्ष अमरनाथ सक्टा के नेतृत्व में अधिकारियों से मिले लोगों ने कहा कि 30 करोड़ रुपये से बनी क्वैराला पंपिंग योजना से पिछले कई दिनों से पर्याप्त पेयजल आपूर्ति नहीं हो रही है। इससे नगर क्षेत्र के लोगों को दिक्कत झेलनी पड़ रही है। उन्होंने तीनों विभागों के अधिकारियों से पेयजल योजना को सुचारू रूप से संचालित करने की मांग की। ऐसा नहीं होने पर आंदोलन की चेतावनी दी गई है। अधिकारियों ने बताया कि लो-वोल्टेज की वजह से योजना का एक ही पंप चल पा रहा है। इस वजह से पर्याप्त पानी नहीं मिल पा रहा है। बताया कि बाहरी क्षेत्र से मैकेनिक को बुलाया गया है। उन्होंने शनिवार तक समस्या के समाधान का भरोसा दिलाया। क्वैराला पंपिंग योजना में यांत्रिक शाखा बिजली से संबंधित कार्य करती है। जल निगम के पास पानी को नदी से मुख्य टैंकों तक स्टोर करने का जिम्मा है। जबकि जल संस्थान पेयजल वितरण करता है।
अधिकारियों से मुलाकात करने वालों में अचिन्हित राज्य आंदोलनकारी संगठन के अध्यक्ष दिनेश चंद्र पांडेय, जिला पंचायत सदस्य भूपेंद्र महर भुप्पी, पूर्व सभासद नंदन तड़ागी, भाजपा नगर मंडल अध्यक्ष सुनील पुनेठा, सहकारी समिति के पूर्व अध्यक्ष विकास साह, विनोद वर्मा, रमेश मनराल, मोहन चंद्र बिष्ट, आनंद अधिकारी, रजत तड़ागी, राजेंद्र सिंह आदि शामिल थे।