

टनकपुर में रेलवे के नोटिस से सकते में लोग, एसडीएम के माध्यम से मुख्यमंत्री को भेजा ज्ञापन
22 मई को लोगों को नोटिस देकर 7 दिन के भीतर रेलवे भूमि को खाली करने के दिए आदेश दिए थे
देवभूमि टुडे
चंपावत/टनकपुर। टनकपुर में रेलवे की जमीन में हुए अतिक्रमण को ढहाने के नोटिस से खौफजदा लोगों ने आज 24 मई को मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेज इंसाफ की फरियाद की है। एसडीएम के माध्यम से 24 मई को दिए ज्ञापन में वार्ड नंबर 4 के लोगों ने उत्पीड़न बंद करने के साथ रेलवे भूमि विवाद के स्थाई समाधान की गुहार लगाई है। दावा किया गया है कि जिस जमीन पर रेल विभाग अपने स्वामित्व की बात कह रहा है, वह उसकी ना होकर राजस्व विभाग के अधीन है। इसका नक्शा नगर पालिका के पास होने का दावा भी ज्ञापन में किया गया है।
ज्ञापन में नागरिकों ने कहा कि पूर्व में रेलवे, राजस्व विभाग और नगर पालिका की मौजूदगी में संयुक्त सर्वे हुआ था, जिसमें माप-जोख के बाद रेलवे विवादित भूमि का वैध नक्शा पेश नहीं कर सका था। ज्ञापन में नागरिकों ने पूर्व में हुए संयुक्त सर्वे के हिसाब से पालिका की सहायता से चहारदीवारी निर्माण कराने, लोगों का बेघर नहीं करने और उत्पीडऩ करने पर रोक लगाने की मांग की गई है। सभासद वकील अहमद के नेतृत्व में एसडीएम आकाश जोशी के जरिए मुख्यमंत्री को भेजे ज्ञापन में मीना पंत, आनंदी देवी, सेवा राम, विमला देवी, गीता पंत, वीरेंद्र सिंह कनवाल, रामपाल सिंह, कृष्णा पंत, भावना, कुसुम, सुरेश पंत सहित बड़ी संख्या में नागरिकों के हस्ताक्षर हैं।
रेलवे विभाग ने रेलवे स्टेशन मार्ग के नजदीक से लेकर रोडवेज बस स्टेशन के पास और मछली झाले के आसपास की रेलवे की भूमि में आ रहे 150 से अधिक अतिक्रमण को हटाने के लिए दुकानों और मकानों में नोटिस चस्पा किए थे। नोटिस में 7 दिन केभीतर अतिक्रमण नहीं हटाने पर प्रशासनिक कार्रवाई कर रेलवे विभाग की ओर से अतिक्रमण हटाने की चेतावनी दी गई थी।





