

त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की रोक हटाने के लिए उत्तराखंड सरकार की उच्च न्यायालय में दस्तक
देवभूमि टुडे
नैनीताल/चंपावत। उत्तराखंड के 12 जिलों में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव पर लगी रोक हटाने के लिए प्रदेश सरकार फिर सक्रिय हो गई है। सरकार ने हाई कोर्ट के समक्ष मामले को मेंशन कर बताया कि 9 जून को आरक्षण निर्धारण से संबंधित बनाई गई नियमावली का गजट नोटिफिकेशन 14 जून को हो गया था। लेकिन कम्युनिकेशन गैप के कारण गजट नोटिफिकेशन को हाई कोर्ट के समक्ष सुनवाई के समक्ष प्रस्तुत नहीं किया जा सका था।
आज 24 जून को महाधिवक्ता एसएन बाबुलकर ने गजट नोटिफिकेशन की प्रति हाई कोर्ट के समक्ष पेश कर दी है। जिसके बाद मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति जी नरेंद्र व न्यायमूर्ति आलोक मेहरा की खंडपीठ ने पंचायत चुनाव सम्बन्धी सभी याचिकाओं की सुनवाई को कल 25 जून अपराह्न दो बजे का समय निर्धारित किया है। 24 जून को दीपिका किरौला और अन्य की याचिकाएं भी सुनवाई के लिए लगी थी। हाई कोर्ट ने सभी याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई कल करेगा।
बागेश्वर निवासी गणेश कांडपाल व अन्य ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर राज्य सरकार की ओर से 9 जून व 11 जून को जारी नियमावली को चुनौती दी थी। सरकार ने इस नियमावली में राज्य में अब तक के आरक्षण रोस्टर को शून्य घोषित कर दिया था और आरक्षण का नया रोस्टर जारी कर उसे पहली बार वर्तमान चुनाव से लागू माना। याचिकाकर्ता के मुताबिक एक तरफ सरकार का यह नियम कोर्ट के पूर्व में जारी आदेश व पंचायती राज अधिनियम 2016 की धारा 126 के विरुद्ध है। मंगलवार को दीपिका किरौला व अन्य की याचिकाएं भी सुनवाई को लगी थी। हाई कोर्ट ने इन सभी की एक साथ सुनवाई के निर्णय लिया है।

