
ध्यान और साधना की सीख दे रहा है साक्षी फाउंडेशन द्वारा स्थापित नाखुड़ा का केंद्र
स्वामी प्रेम सुगंध महाराज ने आरोपों को खारिज किया, कहा ध्यान केंद्र धन कमाने का नहीं, पुण्य कमाने का केंद्र है
देवभूमि टुडे
चंपावत। भिंगराड़ा के पास नाखुड़ा के ध्यान और आध्यात्मिक केंद्र के जरिए अध्यात्म की अलख जग रही है। आध्यात्मिक गुरु और साक्षी फाउंडेशन के स्वामी प्रेम सुगंध महाराज ने कहा कि नाखुड़ा ध्यान केंद्र इंसानी कल्याण का केंद्र है। इस केंद्र के जरिए ध्यान साधना कर व्यक्ति खुद की आध्यात्मिक उन्नति के साथ लोक हित में हाथ बंटा सकता है। फिलहाल इस केंद्र में 20 लोग एक साथ ध्यान कर सकते हैं। अगले साल के अंत तक नाखुड़ा के इस केंद्र में पंचकर्म चिकित्सा की सुविधा भी मिलने लगेगी।
पाटी ब्लॉक के खरही के नाखुड़ा गांव में करीब 37 नाली क्षेत्र में प्राकृतिक सौंदर्य के बीच स्थित ध्यान केंद्र में पिछले सात साल से साक्षी फाउंडेशन अध्यात्म, योग और अंतध्र्यान की सीख दे रहा है। पिछले चार दिन से एक व्यक्ति द्वारा लगाई जा रही तोहमत को स्वामी प्रेम सुगंध महाराज ने सिरे से खारिज किया। कहा कि यह केंद्र धन कमाने का नहीं, धर्म (नेक काम) से पुण्य कमाने का केंद्र है। कानूनी प्रक्रियाओं का पूर्ण रूप से पालन करते हुए उच्च नैतिक मूल्यों के साथ स्थानीय लोगों को सहभागी बनाते हुए इस केंद्र का संचालन किया जा रहा है। केंद्र के जरिए आध्यात्मिकता वातावरण के साथ ही ग्रामीण क्षेत्र का विकास और पर्यटन भी फलफूल रहा है।
आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति है पंचकर्म
पंचकर्म शरीर की अंतरिक शुद्धता और कायाकल्प के लिए आयुर्वेद की पारंपरिक और समग्र उपचार की पद्धति है। पंचकर्म में वमन (प्रेरित उल्टी), विरेचन (प्रेरित मल त्याग), अनुवासन व आस्थापन (बैर-एनिमा व लिक्विड-एनिमा), नस्य (नाक से औषधी लेना) और रक्तमोक्षण शामिल है। इसके जरिए शरीर के दोषाों को संतुलित करने, विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने, रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने और शारीरिक-मानसिक सेहत को पुनर्जीवित करने में मदद करता है।

